उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है । दो से ज्यादा बच्चे हुए तो सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, चुनाव लड़ने पर भी रोक लगेगी, राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने इसे तैयार किया ,
यदि यह ड्राफ्ट कानून में बदला तो यूपी में भविष्य में जिनके 2 से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा ,ऐसे लोग कभी चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, विधि आयोग का दावा है
कि अनियंत्रित जनसंख्या के कारण पूरी व्यवस्था प्रभावित हो रही है ।आयोग ने ड्राफ्ट पर 19 जुलाई तक जनता से अपनी अपनी राय मांगी है, आदित्यनाथ मित्तल ने इससे पहले ही लव जिहाद कानून का ड्राफ्ट भी तैयार किया था
1- राशन कार्ड में 4 से अधिक सदस्यों के नाम नहीं लिखे जाएंगे।
2- स्थानीय निकाय और पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ सकते ।
3- 2 से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी ।
4- कानून लागू होने के बाद यदि किसी महिला को दूसरी प्रेगनेंसी मैं जुड़वा बच्चे होते हैं तो वह कानून के दायरे में नहीं आएगी ।
5- तीसरे बच्चे को गोद लेने पर रोक नहीं लगेगी यदि किसी के दो बच्चे निशक्त है तो उसे तीसरी संतान होने पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा ।
6- सरकारी कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे इस कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे ।
7- 21 साल से अधिक उम्र के युवक और 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों पर एक्ट लागू होगा ।
8- दो बच्चों की नीति अपनाने वाले अभिभावकों को कई तरह की सुविधाएं मिलेगी ।
ऐसे पेरेंट्स जिनके दो बच्चे हैं और भी सरकारी नौकरी में हैं और अपनी इच्छा से नसबंदी कराते हैं तो उन्हें दो एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन ,सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट ,पीएफ में एंप्लॉयर कांट्रिब्यूशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
पानी, बिजली, हाउस टैक्स में भी छूट मिलेगी।
एक संतान पर स्वयं नसबंदी करने वाले अभिभावकों की संतान को 20 साल तक मुफ्त इलाज शिक्षा बीमा शिक्षण संस्थान व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है
वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले बीपीएल श्रेणी के माता-पिता को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा है।
इसके तहत जो माता पिता पहले बच्चा पैदा होने के बाद ऑपरेशन करा लेंगे उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी
पहला बच्चा बालिक होने पर 77 हजार और बालिका पर एक लाख की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
ऐसे माता-पिता की पुत्री को उच्च शिक्षा तक मुक्त पढ़ाई जबकि पुत्र को 20 वर्ष तक निशुल्क शिक्षा मिलेगी।
जस्टिस आदित्य मित्तल ने कहा कि जानबूझकर कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तो उसे कानूनी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा,
क्योंकि हमने सोच समझकर नीति बनाई है हम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है हम चाहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को योजनाओं का लाभ मिले।
कानून के मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक यह विधायक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से 1 साल बाद लागू होगा एक से ज्यादा शादी के मामले में बच्चों को सही संख्या जानने के उद्देश्य से प्रत्येक जोड़े को एक वैध जोड़े के रूप में गिना जाएगा।
राज्य विधि आयोग ने जनता से 19 जुलाई तक अपनी राय मांगी है