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उक्रांद ने नगर इकाई का गठन किया गया। राजेंद्र प्रसाद सेमवाल अध्यक्ष व देवेश्वर जोशी संरक्षक मनोनीत।

उक्रांद ने नगर इकाई का गठन किया गया। राजेंद्र प्रसाद सेमवाल अध्यक्ष व देवेश्वर जोशी संरक्षक मनोनीत।

मसूरी। उत्तराखंड क्रांति दल के नगर निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष समीर मंुडेपी ने एक बैठक कर उकांद्र नगर इकाई का गठन किया। जिसमें राजेंद्र प्रसाद सेमवाल को नगर अध्यक्ष तथा देवेश्वर प्रसाद जोशी को संरक्षक बनाया गया व उम्मीद की गई कि शीघ्र कार्यकारणी का विस्तार कर पार्टी की गतिविधियों को संचालित करें।


शहीद स्थल पर उका्रंद की बैठक आयोजित की गई जिसमें नगर इकाई का गठन किया गया जिसमें राजेन्द्र प्रसाद सेमवाल को नगर अध्यक्ष तथा देवेश्वर प्रसाद जोशी को संरक्षक मनोनित किया गया। इस मौके पर उक्रांद नगर निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष समीर मुुडेपी ने कहा कि उक्रांद ही राज्य के सपनों को साकार कर सकता है बाकी राजनैतिक दलों ने उत्तराखंड की जनता को ठगा है। उन्होंने इस मौके पर शिफनकोर्ट के लोगों का समर्थन किया व एक मार्च से होने वाले आंदोलन में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर यूकेडी के प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि मसूरी में नगर इकाई का गठन कर यह संदेश दिया गया है कि अगर उत्तराखंडियत को बचाना है तो सबको एकमत होना पड़ेगा। उन्हांेने कहा कि मसूरी आंदोलनकारियों की धरती रही है यहां से यह संदेश देने का प्रयास है कि आज जो स्थित जोशीमठए कर्णप्रयागए गोपेश्वरए नरेंद्र नगर की तहर मसूरी भी दरकेगी यह समझने का प्रयास करें। यह सरकार केवल पैसा देख रही है। मंदिरों के समीप शराब के ठेके खोले जा रहे हैंए उत्तराखंडियत को समाप्त करने के लिए भू कानून व मूल निवास समाप्त कर रहे हैं इनका एक ही उददेश्य है कि यहां जनसंख्या का विष्फोट करा कर उत्तराखंड की आबोहवा को खराब किया जाय। इसके लिए एक बडे आदोंलन की जरूरत है जो नारसन से होकर बद्रीनाथ तक एक मुुठ व एक जुट होकर किया जायेगा तभी नौकरियां बचेगीए संसाधन बचेंगेए जल जंगल जमीन बचेगी व उत्तराखंड के शहीदों के सपनों को साकार किया जायेगा। दोनो राष्ट्रीय दल उत्तराखंड के सीने को चीर रही है। अब समय आ गया है कि 1994 की तर्ज पर आंदोलन किया जायेगा तभी उत्तराखंड बच सकेगा। राज्य बनने के बाद उत्तराखंड विरोधियों ने सत्ता हासिल की जिसका परिणाम सामने है। आज हालत यह है कि नौकरियां बिक रही हैए जगल बिक गयेए पानी बिक गयाए संसाधन बिक गये मूल निवास खत्म कर दिया स्थानीयों की उपेक्षा की जा रही है जब अपनों की उपेक्षा होती है तो बाहरी डाका डालते रहे। यहीं कारण है कि जिन्होंने राज्य बनाया वह बाहर हैए वह संसाधनों से कमजोर रही इरादों से मजबूत रही व उन्होंने इसका लाभ उठाया व सत्ता में बैठ गये। फिर भी हम निराश व हताश नहीं है। उम्मीद है कि एक बार फिर लोग लामबंद होगे व अपने हकों के लिए सामने आयेंगे। महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महामंत्री मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहा कि उत्तराखंड की आवाज यहीं का क्षेत्रीय दल उठा सकता है बाकी दल तो दिल्ली से संचालित होते हैंए उक्रांद पहले क्षेत्र के लोगों के बारे में सोचता है। भाजपा को उक्रांद से डर लगता है जिस कारण वह दल को तोड़ने का प्रयास करती रहती है। संगठन लोगों से बनता है और लोग जुड रहे है व आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए भी तैयारी की जा रही है। उसकी रणनीति बना रहे हैं। वहीं कहा कि दल में महिलाओं को आगे बढाया जायेगा क्योंकि महिलाओं ने ही राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में महिलाओं को हर क्षेत्र में प्राथमिकता दी जायेगी। इस मौके पर उक्रांद के वरिष्ठ नेता बलबीर चैहान दिनेश उनियाल संजय टम्टा सम्पत लाल सुमित्रा कंडारी आदि मौजूद रहे।

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