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देहरादून, श्री महाकाल सेवा समिति एंव जिला रेडक्रॉस सोसायटी ने लगाया संयुक्त रक्तदान शिविर

ब्यूरो दीपक सैलवान
*पिता ने 140 वीं बार तो पुत्र ने किया चौथी बार रक्तदान*
अनिल वर्मा “श्री महाकाल महा रक्तदानी अवार्ड -2022” से महाकाल सेवा समिति एवं जिला रेडक्रास सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष में श्री साईं धाम मंदिर तिलक रोड परिसर में आयोजित रक्तदान शिविर एवं विचार गोष्ठी में कुल‌ 86 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।रक्तदान शिविर का शुभारंभ यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा ने रिकॉर्ड 140 वीं बार तथा उनके पुत्र ग्राफिक ऐसा यूनिवर्सिटी में बी-टेक के छात्र अविरल वर्मा ने चौथी बार रक्तदान करके किया।

इस उदधाटन अवसर पर जिला रेडक्रास सोसायटी अध्यक्ष डॉ० एम एस अंसारी,सचिव कल्पना बिष्ट महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा,महाकाल सेवा समिति अध्यक्ष रोशन राणा , संस्थापक सदस्यों दीपक जेठी,अंकुरजैन,मेज़र प्रेमलता वर्मा,पुष्पा भल्ला,तथा इंद्रेश हास्पिटल की चिकित्साधिकारी डॉ० प्रीति मिश्रा मुख्य रूप से उपस्थित थे।

अनिल वर्मा के रक्तदान के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा को दृष्टिगत रखते हुए श्री महाकाल सेवा समिति द्वारा वर्मा को “श्री महाकाल महा रक्तदानी”अवार्ड से नवाजा गया। वर्मा ने महाकाल संस्था के अध्यक्ष रोशन राणा सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए रक्तदान अभियान में अपना योगदान और उत्साहपूर्वक जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।इससे पूर्व आयोजित विचार गोष्ठी में श्री महाकाल सेवा समिति के अध्यक्ष रोशन राणा ने कहा कि ब्लड बैंकों में रक्त की मांग की ऐवज में रक्त की आपूर्ति बेहद कम है। अतः युवाओं को रक्तदान करने के लिए न केवल स्वेच्छापूर्वक आगे आना चाहिए बल्कि प्रत्येक तीन माह बाद रक्तदान सुनिश्चित करना चाहिए।समिति के संस्थापक सदस्य दीपक जेठी ने कहा कि उनकी स़ंस्था प्रत्येक चार महीने के अंतराल पर रक्तदान शिविर आयोजित करती है।तथा जरूरतमंदों को ब्लड बैंकों से समन्वय स्थापित करके रक्त उपलब्ध करवाने का हर संभव प्रयास करती है।रक्तदाता प्रेरक व डॉ० कार्ल लैण्डस्टीनर अवार्डी अनिल वर्मा ने रक्तदान करने के प्रति अंधविश्वासों को दरकिनार करते हुए रक्तदान करने से स्वयं रक्तदाता को होने वाले फायदों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हर तीन माह बाद रक्तदान करते रहने से रक्तदाता के शरीर में बोन मैरो एक्टिवेट होकर नये रक्त का निर्माण करता है। इससे प्राकृतिक रूप से शरीर में नई स्फूर्ति पैदा होती है। साथ ही ब्लड पतला रहने से हार्ट अटैक की संभावना बहुत कम हो जाती है।बी०पी०,कोलेस्ट्रॉल तथा मोटापा नियंत्रण में रहते हैं।उन्होंने जन्मजात रक्त रोग थैलीसीमिया के दंश से बच्चों को बचाने के लिए आपस में विवाह करने जा रहे प्रत्येक युवक व युवती से विवाह पूर्व थैलीसीमिया की जांच अवश्य ही कराने का अति महत्वपूर्ण सुझाव दिया।अन्यथा जरा सी असावधानी दोनों थैलीसीमिया माईनर पति-पत्नी के बच्चे का थैलीसीमिया मेजर होने की संभावना बहुत अधिक होती है,जो बच्चे व माता पिता दोनों के लिए जीवन भर अभिशाप बन जाती है।यूथ रेडक्रास कमेटी ने शिविर के कुशल संयोजन एवं संचालन हेतु महाकाल सेवा समिति के अध्यक्ष रोशन राणा,दीपक जेठी,अंकुर जैन,कृतिका राणा,अनुष्का राणा, महंत इंद्रेश की चिकित्साधिकारी डॉ०प्रीति मिश्रा,जिला रेडक्रास अध्यक्ष डॉ० एम एस अंसारी, सचिव कल्पना बिष्ट,पुष्पा भल्ला,अविरल वर्मा तथा श्री साईं धाम मंदिर के प्रबंधक शरत नागलिया को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया।समस्त रक्तदाताओं को महाकाल सेवा समिति,रेडक्रास समिति तथा महन्त इंद्रेश ब्लड बैंक की तरफ़ से रक्तदाता सम्मान पत्र,प्रतीक चिन्ह तथा रिफ्रेशमेंट उपलब्ध करवाया गया।इस अवसर पर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा,महाकाल संस्था सदस्य कार्तिक बंसल,अनामिका अंकुर जैन,डॉ०नितिन अग्रवाल,जितेंद्र जौली,श्रुतिका नागलिया,मुस्कान अग्रवाल,अक्षति अग्रवाल,अंकुश नागलिया,नीलिमा गुप्ता,सचिन जैन आदि बड़ी संख्या में रक्तदाता उपस्थित थे।

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