कुछ लोगों का सेवाभाव वाकई तारिफेकाबिल होता है। पहले देश की सेना मे रहकर देश सेवा की और अब क्षेत्र के एक ऐसे परिवार को न्याय दिलाकर अपनी सेवाभाव का परिचय दिया है जो इस परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र के लोगों के लिए भी एक सपने से कम नहीं था। हम बात कर रहे है सेवानिवृत्त कैप्टन चेतन चौहान की जिन्होंने हार को जीत और निराशा को आशा मे कैसे बदला जाता है ये करके दिखाया है। साथ ही उस कहावत को भी चरितार्थ किया है कि कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।
दरअसल पूरा मामला 2013 का है देहरादून जिले के चकराता तहसील बिरपा गांव के संजय सिंह नाम का एक लडका नौकरी की तलाश में एक प्लेसमेंट कंपनी के संपर्क मे आया। उस कंपनी ने संजय को मलेशिया मे नौकरी करने का आफर दिया। जिसे कि संजय ने खुशी- खुशी स्वीकार कर लिया।
जैसे ही संजय अपने सामान के साथ मलेशिया के लिए निकला तो किसी ने उसके बैग मे drugs रख दी जैसे ही संजय एयरपोर्ट पर उतरा तो वहां की पुलिस को चैकिंग के दौरान संजय के बैंग से drugs प्राप्त हुई। जिसके बाद से संजय मलेशिया की जेल मे बंद था।
इसकी खबर जैसे ही संजय के परिचनों को मिली तो उसको छुडाने के लिए वह स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर क्षेत्र के संभ्रांत लोगों तक से मिले और अपने बेटे को छुडाने की मांग करते रहे। मगर कहीं से भी संजय के परिचनों को उम्मीद नहीं बंधी सिर्फ आश्वासन मिलता रहा।
मगर उसी दौरान परिचनों के पास जौनसार के बिसोई गांव से कैप्टन चेतन चौहान पहुंचे और पूरे मामले को परिचनों ने रोते बिलखते हुए उन्हें सुनाया कि किस तरह उनका बेटा इस पूरे मामले मे धोखे का शिकार हुआ है।
इसके बाद चेतन ने सोशल मीडिया और अपने अन्य संसाधनों से संजय को छुडाने की मुहिम छेड़ दी। अंत मे संजय के वकील हरपाल सिंह ने उनकी लडाई लड़ी। और 30 मार्च 2021 को मलेशिया की फेडरल कोर्ट ने संजय को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया। और 11 जून को संजय अपने गांव बिरपा पहुंच गया। इस सराहनीय कार्य के लिए संजय उसका परिवार और क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने कैप्टन चेतन और उनकी टीम का आभार जताया है।