भगवान गुरु बाल्मीकि जयंती पर प्रेमनगर में पूजार्चना करते कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य कांत धस्माना।
वाल्मीकि जयंती पर प्रेमनगर में हुआ भव्य आयोजन एवम भंडारा महर्षि भगवान वाल्मीकि युग दृष्टा थे-धस्माना
देहरादून: आदि ऋषि भगवान वाल्मीकि का भारतीय ऋषि परंपरा में अपना विशिष्ट स्थान है,वे सनातन परंपरा के पहले ऋषि थे व युग द्रष्टा भी थे।यह बात आज वाल्मीकि जयंती के अवसर प्रेमनगर में वाल्मीकि कल्याण समिति के तत्वाधान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की कथा रामायण के रूप में महृषि वाल्मीकि ने भगवान राम के जन्म से पहले ही रच दी थी।धस्माना ने कहा कि आज के युग में जो समाज भगवान महृषि वाल्मीकि जी के नाम से जाना जाता है।वो समाज में सबसे अंतिम पंक्ति में खड़ा है और आज जब हम अपने आराध्य अपनी आस्था और विश्वास के केंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की अमर कथा के रचयिता की जयंती मना रहे हैं।तो हमारा यह कर्तव्य है
कि हम उनके नाम से प्रचलित समाज के उत्थान के लिए काम करें। इस अवसर पर वाल्मीकि समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष अमित कुमार, पूर्व अध्यक्ष राधे लाल ने धस्माना को समाज की ओर से पगड़ी पहना कर सम्मानित किया।ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीवान बिष्ट,छावनी परिषद के पार्षद जितेंद्र तनेजा, प्रेमनगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहित ग्रोवर, संग्राम सिंह पुंडीर,आशीष देसाई,अखिलेन्द्र प्रताप, कैलाश वाल्मीकि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पूजा अर्चना व सम्मान कार्यक्रम के पश्चात मन्दिर में विशाल भंडारा आयोजित किया गया।