चकराता वन प्रभाग रीवर रैंज कालसी द्वारा ग्रीन इंडिया मिशन के तहत लौरली गांव में कराया जा रहा प्लांटेशन कार्य विवादों के घेरे में ब्यूरो रिपोर्ट केंद्र सरकार के ग्रीन इंडिया मिशन के तहत चकराता वन प्रभाग की रीवर रैंज कालसी के अंतर्गत ग्राम पंचायत लौरली में प्लांटेशन के लिए मटियाना तोक वन पंचायत भूमि का 10 हेक्टेयर क्षेत्र चिन्हित किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार वन विभाग द्वारा उक्त प्लांटेशन का कार्य चिन्हित स्थान की जगह ना कर अन्यत्र कराया जा रहा है जिससे ग्रामीणों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई ।
जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने डीएफओ चकराता से भी की थी और इस मामले को लेकर रेंज कार्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया था। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि रीवर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी वन दरोगा व वन बीट इंचार्ज किशन नेगी द्वारा बिना वन पंचायत के गठित किए ही वन पंचायत के निवर्तमान सरपंच एवं ग्राम पंचायत के प्रधान से सांठगांठ करके ऐसे व्यक्ति को वित्तीय अधिकार देकर खाते का संचालन किया जा रहा है जो वन पंचायत का सरपंच ही नहीं है । ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उनके द्वारा यस विवाद को खत्म करने के लिए प्रयास भी किए गए जिसमें वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता भी हुई और इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों पक्षों को 5-5 हेक्टेयर वन पंचायत की भूमि चिन्हित कर उक्त प्लांटेशन का कार्य कराया जाएगा। लेकिन वन विभाग द्वारा ऐसा ना करके 5 हेक्टेयर लौरली में और 5 हेक्टेयर का प्लांटेशन कराने का कार्य दूसरी ग्राम पंचायत को दे दिया गया। जिससे वन कर्मियों एवं ग्राम प्रधान के पक्ष से मिलीभगत का पता चलता है जिस कारण प्लांटेशन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है जिसके कारण प्लांटेशन के कार्य में बाधा उत्पन्न हुई । परंतु यहां पर वन विभाग के इन अधिकारियों के द्वारा वादाखिलाफी कर एक तरफा पक्षपात किया गया। ग्रामीणों ने उक्त प्रकरण को लेकर उप जिलाधिकारी चकराता से इस मामले की जांच एवं तुरंत वन पंचायत का गठन करने एवं चिन्हित भूमि पर ही प्लांटेशन कराने एवं अन्यत्र जगह प्लांटेशन कराने पर रोक लगाने की भी मांग की थी। जिसकी जांच हेतु कानूनगो चकराता खजान सिंह असवाल एवं क्षेत्रीय पटवारी ईश्वर दत्त जोशी मौका मुआयना करने पहुंचे और मामले का संज्ञान लिया।वह अपनी रिपोर्ट एसडीएम चकराता को सोमवार तक प्रेषित करेंगे । इस मामले को लेकर जी एस धमांदा वन क्षेत्राधिकारी रिवर रेंज का कहना है कि ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण चयनित की गई वन पंचायत की भूमि पर प्लांटेशन नहीं कराया जा सका। जो पक्ष आरोप लगा रहा है उन्होंने प्लांटेशन कार्य कराने में बाधा उत्पन्न की। इसलिए अभी तक प्लांटेशन का कार्य पूर्णतया संपन्न नहीं हो पाया है। जबकि केंद्र सरकार के आदेश अनुसार इस कार्य को समय सीमा में पूर्ण किया जाना है। परंतु यहां अब यह देखना है कि वन विभाग केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कैसे कार्य करता है और गांव में उपजे विवाद को कैसे सुलझाता है। और राजस्व विभाग अपनी जांच रिपोर्ट में क्या कहता है कब तक वन पंचायत का विधिवत गठन किया जाएगा यह भविष्य के गर्त में है।