भारी विरोध के बाद अतिक्रमण की कार्रवाई शुरू, जाम लगने से लोगों को हुई परेशानी।
मसूरी। जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासन ने दूसरे दिन भी मसूरी देहरादून मार्ग पर भारी विरोध के बावजूद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी रखा व कई अवैध निर्माण ध्वस्त किए। वहीं इससे पूर्व पानी वाले बैंड पर स्थानीय लोगों ने करीब लगभग दो घंटा जाम लगा कर रखा व अतिक्रमण को ध्वस्त नहीं करने दिया।
जिसके कारण रोड के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। लेकिन उसके बाद एडीएम के साथ वार्ता की गई व उसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। मसूरी देहरादून मार्ग पर बने अवैध मैगी प्वांइटों की लगातार अवैधानिक गतिविधियों की शिकायतें मिलने पर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए इस मार्ग पर एमडीडीए, वन विभाग, राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग के सहयोग से अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के बीच एसडीएम सदर नरेश चंद्र दुर्गापाल पानी वाले बैंड पर पहुंचे व अतिक्रमण के खिलाफ जैसे ही पहली कार्रवाई शुरू की तो स्थानीय लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों ने विरोध करना शुरू कर दिया व बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ रोड पर बैठ कर धरना देने लगे व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिस कारण पानी वाले बैंड से कुठाल गेट व मसूरी की ओर कोल्हूखेत तक जाम लग गया। काफी समझाने पर भी न मामने के बाद एडीएम एसके बर्निवाल मौके पर आये व स्थानीय जनप्रतिधियों से वार्ता की व उसके बाद जाम खोला गया। वहीं दूसरी ओर एक टीम एसडीएम मसूरी शैलेंद्र नेगी के नेतृत्व में मसूरी झील से किंक्रेग तक अभियान चलाया गया हालांकि इस दौरान ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसे ध्वस्त किया जा सके। लेकिन पानी वाले बैंड से कुठालगेट तक प्रशासन ने एक बार फिर कार्रवाई शुरू की व मैगी प्वाइंट से मसूरी की ओर पक्के अवैध अतिक्रमण पर जेसीबी चली। मौके पर मौजूद एसडीएम सदर ने कहा कि मसूरी से देहरादून मार्ग पर कई मंजिला अवैघ निर्माण किया गया जिसे एमडीडीए ने नोटिस दिए लेकिन उसके बाद भी बनाये गये। अब एमडीडीए ने ध्वस्ती करण के आदेश किए जिसके तहत अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई शुरू की गई। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर पहले पक्के निर्माण हटाये जा रहे हैं जिनके कारण मसूरी मार्ग बदनाम हो रहा था बार बार यह शिकायत मिल रही थी कि यहां पर अवैध गतिविधियां चल रही है। वहीं जो स्थानीय लोग है तथा रोजगार करने के साथ वहीं निवास कर रहे हैं उनके बारे में उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता चल रही है। उन्होंने बताया कि पानी वाले बैंड से कुठाल गेट तक 73 अवैध अतिक्रमण चिन्हित किए गये हैं जिन्हें तोड़ा जाना है। मौके पर मौजूद जिलापंचायत सदस्य दीपक पुंडीर ने कहा कि प्रशासन एक तरफा कार्रवाई कर रहा है जिस पर मंत्री गणेश जोशी को फोन किया गया व उन्होंने जिलाधिकारी से वार्ता की व उसके बाद तय किया गया कि स्थानीय लोगों को परेशान न किया जाय। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश रावत ने कहा कि उत्तराखंड नया राज्य बना है जहां यहां के युवा स्वरोजगार की ओर जा रहे हैं, सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है अगर इस तरह एक तरफा कार्रवाई की गई तो चार सौ परिवार के रोजी रोटी प्रभावित होगी। वहीं कहा कि इसके आड़ में गलत कार्य नहीं होने देंगे अगर पता लगेगा तो तोड़ने में सहयोग किया जायेगा। वार्ता के बाद तय किया गया कि स्थानीय लोगों को परेशान नहीं करने दिया जायेगा। नगर पालिका सभासद गीता कुमाई ने कहा कि जिनके कागज सही है उनके निर्माण कैसे तोड़े कई लोगों के सीलिंग हो रखी थी उसे भी तोड़ दी गई जो कि गलत है। अधिकारी बिना किसी भेदभाव के कार्य करें जिनके पास कागज हैं उनके निर्माण न तोड़े जांय। जिनके निर्माण अवैध है उसमें प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है। इस मौके पर एसडीएम मसूरी शैलेंद्र नेगी, सीओ नीरज सेमवाल, कोतवाल डीएस कोहली, सहित एमडीडीए, वन विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों सहित स्थानील लोग भी मौजूद रहे।