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भटटा रोपवे पर एनडीआरएफ, आईटीबीपी सहित संबंधित विभागों ने मॉक ड्रिल किया।

भटटा रोपवे पर एनडीआरएफ, आईटीबीपी सहित संबंधित विभागों ने मॉक ड्रिल किया।

मसूरी। आपदाओं से निपटने के लिए भटटा फॉलरोपवे पर विभिन्न आपदा से जुडे़ विभागों ने मॉक ड्रिल कर अपनी तैयारियों को परखा। इस दौरान रोपवे खराब होने पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने का साहसिक प्रदर्शन किया गया। ताकि जरूरत पड़ने पर आपदा से जुड़े विभाग तत्काल बचाव व राहत कार्य चला सकें व जान माल की हानि होने से बचा सकें।

इस दौरान लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया।
भटटा फॉल रोपवे के माध्यम से आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल पुलिस, फायर सर्विस, नगर पालिका, नगर प्रशासन, जल निगम चिकित्सा विभाग आदि की टीमों ने संयुक्त रूप से आपदा बचाव व राहत कार्य का मॉक ड्रिल किया। जिसमें रोपवे में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। एनडीआरएफ के निरीक्षक 15 बटालियन गदरपुर आनंद ंिसंह डिगारी ने बताया कि संयुक्त मॉक ड्रिल किया गया ताकि सभी आपदा से जुड़े विभागों ने आपदा के समय किस तरह बचाव व राहत का कार्य करेंगे। इसके एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सिविल पुलिस, फायर सर्विस, नगर प्रशासन, पालिका प्रशासन, जल निगम, उपजिला चिकित्सालय आदि के सदस्यों ने आपदा के समय अपने कार्याें को कुशलता पूर्वक किया वहीं सभी ने अपनी तकनीकि का प्रयोग किया जिससे अन्य को सीखने का अवसर भी मिला। एनडीआरएफ ने सेनानी सुरेश कुमार दलाल के निर्देश पर इस मॉक ड्रिल में प्रतिभाग किया। इसमें दिखाया गया कि अगर रोपवे रूक जाय तो किस प्रकार बचाव कार्य किया जा सके इसके सभी विभागों ने अपनी तकनीकि के अनुसार आपरेशन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के लिए एनडीआरएफ चौबीसों घंटे तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी की जाती है। उत्तरकाशी सिल्कयारा में टनल खोलने में भी एनडीआरएफ की टीम जुटी है। इस मौके पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल अकादमी के निरीक्षक सुमेर चंद ने बताया कि आईटीबीपी की टीम हमेशा किसी भी आपदा के लिए तैयार रहती है, व हर समय तैयार रह कर फस्ट रिसपोंडर का कार्य करती है। यहां पर रोपवे में फंसे यात्रियों को निकालने का मॉक ड्रिल किया गया जिसमें बल के जवानों ने अपनी तकनीकि का प्रयोग कर यात्रियों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया। वहीं इस मौके पर रोपवे संचालक शूरवीर रावत ने बताया कि रोपवे के संचालन में कोई कमी नहीं रखी जाती हर दिन रोप, इंजन व अन्य उपकरणों की जांच की जाती है वहीं हर 15 दिनों में स्टॉफ के लोग मॉक ड्रिल करते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सके। लेकिन इस बार आपदा से जुड़े बल के जवानों ने मॉक ड्रिल किया जिससे सीखने को मिला। इस मौके पर नायब तहसीलदार राजेंद्र सिंह रावत, कोतवाल मनोज असवाल, फायर अधिकारी धीरज तड़ियाल, डा. मुकेश, जल निगम के सहायक अभियंता मान सिंह रावत, सुधांशु रावत, सहित एसडीआरएफ, सिविल पुलिस, एनडीआरएफ, फायर, जल निगम चिकित्सा विभाग, आदि के अधिकारी मौजूद रहे।

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