संत निरंकारी संत समागम सतगुरु माता सुदीक्षा जी के प्रवचन बुराड़ी दिल्ली में
*सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रवचन (02-दिसम्बर-2018, दिल्ली, भारत 🇮🇳)*
*निरंकारी संत समागम*
_(ग्राउंड नं-8, बुराड़ी, दिल्ली)_
प्यारी साध संगत जी, प्यार से कहना, धन निरंकार जी
1) साध संगत जी,तकरीबन समागम की समाप्ति के एक हफ्ते के बाद आज हम सब इधर इकठ्ठे हुए है,
और जैसे ही दासी की नज़र पड़ रही थी कतारो में,
तो ये पता लग रहा था कि दिल्ली की बाहर की भी जो संगते है, दूसरे states की वो काफी अभी भी यहाँ मौजूद है,
और अपने घरों को नही गयी ,
2) और साथ ही जैसे अपने अभी श्रवण भी किया,
कि दासी के tour की उस तरह जो announcement हुई तो यही दासी के ध्यान में आ रहा है,
कि अभी तो संगते अपने शहरों मे नही पहुँचे और हम उनके शहरों की तरफ रवाना भी हो रहे है,
3) और जिस तरह हमने इस रोशन मीनार संतो को आज श्रवण किया,
9 रोशन मीनार संत हमने समागम पे जो नवाजे थे,
उनमें से आज दो महापुरष नही थे जो _बजाज जी_ है जो पहले South India के regions देखते थे और _कोहली जी_ जो आप में सब सेवादल में देखते है,
4) और तो दासी वो सब महापुरषों को यही कहना चाहेगी कि जिस तरह सबकी अरदास रहती है कि इस दर पे ही अंतिम श्वास तक सेवा निभे
तो अभी तक बहुत खूबसूरती से सबने adminstration की अपनी निभाई है सेवा,
आगे आने वाले समय मे जिस तरह हमको आज इनकी सबकी speeches सुन के ऐसे लग रहा था कि किसी history क्लास में बैठे है,
जहाँ first hand,
जो हम सब नौजवान उस समय थे नही शहंशाह जी के युग की बाते first hand बाते बता रहे थे,
तो एक दम ऐसे ही लग रहा था कि वो era recreate हुआ है,
और सबकी सेवाएं अब यही लगी है कि घर-घर जाके,
नई पीढ़ी को,
नौजवानों को,
जो उस समय नही थे,
वो इन सबसे सीख कर वही बाबा जी की जो बात थी कि शहंशाह जी वाला युग वापस आये,
उसी से सिखलाई लेते हुए,
हम उस युग को फिर से इस मिशन में लेकर आये,
5) साध संगत जी, और अभी आपने जैसे श्रवण किया कि ये जो NYS की श्रेणी में अभी मुम्बई इसी महीने ,
उसके जनवरी में बैंगलोर और फिर हैदराबाद,
और ऐसे ही आगे चलते-चलते जब tour होंगे,
तो एक ऑस्ट्रेलिया के भी एक NYS होगा और एक UK/EUROPE का भी NYS है,
तो आप सब भी संगत जितनी भी वहाँ पहुँच सके,
सबने पहुँचना है ,
6) और जिस तरह ये YOUTH इधर पूरा अब encouraged है ,
और सबको बहुत motivation है,
वैसे ही आगे वाले टाइम में जैसे जैसे ये टूर बन रहा था,
दासी देख रही थी कि प्लानिंग के हिसाब से तो सिर्फ दिल्ली की हिस्से में 9 संडे की संगते आयी है ,
बाकी साल पूरा टूअर पर ही है,
तो आप सबके अब तकरिबन अब डेढ़ महीने बाद ही दर्शन होंगे,
7) दासी पीछे से यही अरदास करती है कि संगते भरपूर इसी जज़्बे को लेकर ,
कि सिर्फ अगर स्टेज पे दासी हो तभी नही ये हॉल भरना चाहिए ,
पीछे से भी दासी जब पता करे,
तो पता लगे महापुरष उसी जज़्बे से उसी तरह आये ,
और उसी तरह सत्संग करे रहे है ।
साध संगत जी, प्यार से कहना,
धन निरंकार जी।