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संत निरंकारी सतसग भवन विकास नगर में सतसग का अयोजन
- संत निरंकारी सत्संग भवन विकासनगर देहरादून मैं आयोजित सत्संग में स्टेज पर विराजमान परम पूज्य डी एस रावत जी अपने अपने विचारों में कहा कि मन बेचे सतगुरु के पास इस मन को अर्पित करना है सत्संग में लगाना है सेवा और सुमिरन में लगाना है तभी हमें सुख की प्राप्ति होती है इन्होंने अपने विचारों में ईश्वर भी प्रकाश डाला की मानवता ही सच्चा धर्म है मानव की सेवा पर उन्होंने प्रकाश डालते हुए कहा मिशन की पंक्तियों को दोहराया की नर सेवा नारायण सेवा
संत निरंकारी मिशन संपूर्ण मानव जाति को ईश्वर का ही एक परिवार मानता है तथा अलग-अलग सब धारणाओं से संबंधित लोगों को एकता के सूत्र में बांधता है उन्हें अलग-अलग नहीं करता एक ही दातार को जानकर सबके साथ प्यार करना ही सच्ची भक्ति है भक्ति का सम्बन्ध न कर्म काण्ड से है न रीति रिवाजों से है अौर न ही बाहरी वेशभूषाओं से है। भक्ति का सम्बन्ध भगवान की इच्छा में समर्पित होकर अपनी हील हुज्जत छोडकर सभी गिले शिकवो को ताक पर रख कर जीना है और यह जागरूकता सतगुरु के चरणो में अाकर ही सम्भव है।।