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संत निरंकारी सत्संग भवन विकास में हरिद्वार से आए हुए मुखी महात्मा आशीर्वाद देते हुए संगत को

सुरेंद्र दत्त जोशी पीकेडी न्यूज़ पत्रिका संवाददाता जीवनगढ़ विकास नगर देहरादून।
*संत निरंकारी सत्संग भवन जीवनगढ़ में रविवासरीय सत्संग आयोजित*

जिला देहरादून क्षेत्र के विकास नगर जीवनगढ़ स्थित संत निरंकारी भवन में रविवासरीय सत्संग आयोजित किया गया आज के सत्संग कार्यक्रम में हरिद्वार से आए मुखी महात्मा पूज्य मंगतराम ज़ख्मोला जी ने अपने विचारों में कहा कि मनुष्य जीवन का जो परम उद्देश्य है अर्थात परम लक्ष्य है जिसके लिए इस मानव जन्म को अमोलक माना गया है इसी जीवन में उस लक्ष्य को प्राप्त करके इस जीवन को सफल किया जा सकता है यह मनुष्य जन्म इसलिए अमोलक माना गया है की इस मानुष जन्म में हम अपने मूल परम सत्य परमात्मा, ईश्वर, निराकार, रमे राम की अनुभूति सद्गुरु की कृपा से प्राप्त कर सकते हैं और युगो युगो से गुरु पीर पैगंबरोँ ने और वेदों शास्त्रों ने इसी सत्य निराकार पारब्रह्म परमात्मा के प्राप्ति के लिए इस मानुष जन्म को अमोलक कहा यदि हमने इस जन्म कोई यूं ही व्यर्थ गवा दिया तो चौरासी लाख योनियो से छुटकारा संभव नहीं है फिर यह जन्म मरण का जो चक्र है यह कभी मिटने वाला नहीं है उन्होंने कहा सूरज चांद सितारे जिसकी आज्ञा में चलते सब जो सर्वव्यापी है निराकार है अविनाशी है अकाट्य है अजन्मा है ऐसे परमात्मा के दर्शन करने से अर्थात अनुभूति करने से जन्म मरण के चक्र से छुटकारा मिल जाता है और आत्मा मुक्त हो जाती है और जहां पर इस एक ईश्वर निराकार परब्रह्म परमात्मा का यशो गान होता है वहां पर यह स्वयं प्रकट होता है और संसार को सुखी करता है जिस पर इस की कृपा हो जाती है वह सदा सदा के लिए सुखी हो जाता है प्रचारक टोली मैं हरिद्वार से आए महात्मा मुझे नरेंद्र रावत जी सेवादल संचालक सचिन जी और बहन साक्षी जी पूज्य नरेंद्र राठौर जी पूज्य वी के पडडा जी पूज्य हीगवाण जी सेवादल संचालक विनोद कुमार पठानिया शिक्षक राकेश जी आदि ने अपने विचार रखे।

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