देहरादून,शिमला बाईपास रोड़ रतनपुर में गोशाला के नाम पर चल रहा है गाये की खाल का खेल दून एनिमल वेलफेयर “कृष्णा धाम”में बे जुबान जानवर कहां जाएं। भूख से मर रही गाये।
देहरादून,गौशाला की आड़ में पनप रहा गोरखधंधा, दून एनिमल वेलफेयर “कृष्णा धाम” गौशाला व नगर निगम डाक्टर की मिली-भगत…पशु प्रेमी व एक्टिविस्ट माला मल्होत्रा मैठाणी ने दून एनिमल वेलफेयर “कृष्णा धाम” गौशाला की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाते हुए गौशाला की आड़ में पनप रहे हैं। गोरखधंधे में मिलीभगत के तहत सरकारी संस्थाओं व मासूम डोनेशन कर्ताओं से पैसे उगाही के संकेत दिए। माला के अनुसार, दून एनिमल वेलफेयर द्वारा मात्र छोटी सी जगह में 100 से ऊपर गोवंश दुर्दशा के हालात में है। गौशाला जाने पर पाया गया कि भारी बारिश में भीगते असहाय पशुओं को छोटी सी रस्सियों से बांधकर तालाबनुमा कीचड़ में रखा गया है। चारा,दाना के नाम पर चौखट के बर्तन बारिश के पानी से भरे पाए गए। शाम 3:00 से 5 बजे तक कोई भी डॉक्टर ना था। पूछताछ करने पर पता चला कि गौशाला में डॉक्टर है ही नहीं।अपना नाम न बताने की शर्त पर गौशाला में कार्यरत कर्मचारी के अनुसार, दून एनिमल वेलफेयर और नगर निगम के डॉक्टर सती की मिलीभगत से कम पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी के लालच के तहत फार्मा का जाली डिप्लोमा उपलब्ध करा इंजेक्शन लगाना सिखाकर,पैरावेट का नाम दिया जाता है। मौला के अनुसार, दून एनिमल वेलफेयर में कार्यरत सभी पैरावेटों के डिप्लोमा संदिग्ध हैं एवं यह जांच का विषय है।माला मल्होत्रा मैठाणी द्वारा एनिमल वेलफेयर बोर्ड की मेंबर गौरी शर्मा से बात करने पर पता चला कि पूर्व में पशुओं की दुर्दशा पर डॉक्टर सती से आशु अरोड़ा व नवजोत कौर दून एनिमल वेलफेयर द्वारा संचालित कृष्णा धाम गौशाला में जगह ना होने,चारा न मिलने व डॉक्टर न होने की स्थिति में भी पशुओं को क्यों भेजा जा रहा है, प्रश्न पूछने पर गौरी शर्मा को चुप रहने के लिए कहा गया एवं एससी-एसटी एक्ट के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकीयां तक दी गईं। एक सर्वे के अनुसार करबारी जंगल स्थित हरी ओम आश्रम जो नगर निगम की ही गौशाला है की स्थिति भी दर्दनाक पाई गई।हजारों गोवंश के कंकाल पाए गए।ताज़ा कंकालों की खाल ना पाए जाने की स्थिति में नगर निगम व गौशाला की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठते हैं।एवं गौवंश खाल की तस्करी में संलिप्तता प्रतीत होती है, साथ ही गौ तस्करों से बरामद गोवंश कहां भेजे जाते हैं।आदि प्रश्न पूछे जाने पर डॉ0वी के सती सीधा उत्तर ना दकर मात्र इतना बताते हैं कि नगर निगम की एक और गौशाला सेलाकुई में खुल गई है, जहां सर्वे करने पर वहां की स्थिती भी भयावह पाई गई।माला मल्होत्रा मैठाणी के अनुसार नगर निगम के ही एक कर्मचारी ने अपनी पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर बताया कि डॉक्टर सती के कहने पर, रोज येन केन प्रकारेण 10 से 12 पशुओं को एनिमल वेलफेयर बोर्ड की गौशाला में छोड़ा जाता है। ऐसे में कई पशु जो स्वस्थ हैं एवं जिन से जनमानस को किसी प्रकार की तकलीफ व शिकायत नहीं है,को भी एक गाड़ी में जबरन ठूंस ठूंस कर स्वस्थ गायों को सेलकुई में भेजा जाता है। दून एनिमल वेलफेयर, कृष्णा धाम गौशाला में जगह ना होने के उपरांत भी जबरदस्ती भिजवाया जाता है। माला के अनुसार एक ब्रॉडकास्ट कर्मी द्वारा कृष्णा धाम गौशाला में पशुओं को भेजे जाने की लिस्ट व रिपोर्ट मांगने पर डॉक्टर वी,के, सती अपने उच्च अधिकारियों से पूछने की बात करते हैं। स्वस्थ पशुओं को जबरन उठाने के सवाल पर डॉक्टर सती माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की दुहाई देते हैं परंतु यह बताने में असमर्थ रहते हैं कि जब गौशाला में जगह ही नहीं है।तब कृष्णा धाम दून एनिमल वेलफेयर में स्वस्थ पशुओं को रोज किस मंशा से भेजा जाता है।माला मल्होत्रा मैठाणी, प्रमाण स्वरूप कही गई बातें,वार्तालाप, चित्र व वीडियोस के आधार पर ऐसे अनेक प्रश्नों के साथ उच्च स्तरीय जांच की मांग चाहती हैं,जिससे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले एवं सभी पशु प्रेमियों से,निर्भय होकर,गौशाला की आड़ में पनप रहे गोरखधंधे पर विराम लगाने की मुहिम पर आगे आने का आह्वान करती हैं।