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देहरादून, ब्लेसिंग फार्म दुर्गा डेरी के पास सुनार को मारी गोली, बैग छीन कर भाग गए अपराधी

देहरादून पटेलनगर, दिनांक 22/09/2020 की रात्रि समय लगभग 20: 40 बजे थाना पटेलनगर को कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि ब्लेसिंग फार्म दुर्गा डेरी के पास दो अज्ञात मोटर साइकिल सवार व्यक्ति एक अन्य मोटर साइकिल सवार व्यक्ति (सुनार) को गोली मारकर उसका बैग छीनकर भाग गये हैं। उक्त सूचना से तत्काल उच्चाधिकारीगणों को अवगत कराते हुए थाना पटेलनगर से पुलिस बल मौके पर पहुचा तथा मौके पर उपस्थित लोगो की सहायता से घायल व्यक्ति को उपचार हेतु इन्द्रेश अस्पताल ले जाया गया। उक्त घटना के सम्बन्ध में पीडित व्यक्ति के चचेरे भाई शफीकुल इस्लाम पुत्र रियाजुल इस्लाम निवासी गली नं0 06 पथरीबाग देहरादून की तहरीर के आधार पर थाना पटेलनगर में मु0अ0सं0: 325/20 धारा: 394 भादवि पंजीकृत किया गया। घटना की गम्भीरता के दृष्टिगत पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून तथा अन्य उच्चाधिकारीगणों द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर घटना के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी तथा घटना के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा-निदेश निर्गत किये गये। घटना तथा अभियुक्तों के हुलिये के सम्बन्ध में पीडित तथा आसपास के लोगों से जानकारी प्राप्त कर कंट्रोल रूम के माध्यम से सदिंग्ध व्यक्तियों की तलाश हेतु सघन चैकिंग प्रारम्भ कराई गयी। घटना के अनावरण हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन में तत्काल अलग-अलग टीमें गठित की गयी, जिसमें से एक टीम द्वारा सुनार के घर वालों व उसके सम्पर्क में आये व्यक्तियो के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी, दूसरी टीम द्वारा पूर्व में इस प्रकार की घटनाओं में संलिप्त रहे अपराधियो के सत्यापन व उनकी वर्तमान स्थिती तथा गतिविधियों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी, तीसरी टीम द्वारा घटना के बाद अभियुक्तों के भागने के सम्भावित रूटों की सीसीटीवी फुटेज एकत्रित किये गये तथा चैथी टीम द्वारा अभियुक्तों के घटना से पूर्व आने के सम्भावित रूटों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी। घटना के तुरन्त बाद ही जनपद के समस्त अन्तर्जनपदीय/अन्र्तराज्यीय बैरियरों को जीरो डाउन करते हुए जनपद से बाहर जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से रोक दिया गया तथा प्रत्येक दुपहिया/चैपहिया वाहन की सघन चैकिंग प्रारम्भ की गयी। साथ ही विभिन्न थाना क्षेत्रों में बैरियर लगाकर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश प्रारम्भ की गयी। घटना के बाद घटनास्थल के आसपास व अभियुक्तों के भागने के अन्य सम्भावित रूटों की सीसीटीवी फुटेज चैक करने पर अंधेरा होने के कारण अभियुक्तों के सम्बन्ध में कोई खास जानकारी प्राप्त नहीं हो पायी। जिस पर पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल से बैक रूट के कैमरे चैक करते हुए अभियुक्तों के घटनास्थल तक पहुंचने के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की तो जीएमएस रोड स्थित सुनार की दुकान के पास के सीसीटीवी फुटेज में घटना से पूर्व समय लगभग 20.00 बजे दो बाइकों पर सवार 04 संदिग्ध व्यक्ति जो हैलमेट पहने हुए थे, सुनार की दुकान का चक्कर लगाते हुए दिखाई दिये। उक्त सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त संदिग्ध व्यक्तियों के हुलिये व संदिग्ध मोटरसाइकिलों के आने के रूट की जानकारी प्राप्त करने पर उक्त मोटर साइकिलें सेलाकुई से पण्डितवाडी होते हुए बल्लीवाला चैक तक आती हुई दिखाई दी, परन्तु सेलाकुई से पूर्व की सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन करने पर वह सहसपुर रूट पर नहीं दिखाई दीं। जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त हुलिये से मिलते जुलते व्यक्तियो के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो सहसपुर क्षेत्र में शाम के समय उक्त व्यक्ति आते हुए दिखाई दिये। जिससे सम्भावना प्रतीत हुई कि उक्त व्यक्ति घटना को अजांम देने से पूर्व सहसपुर तथा सेलाकुई के मध्य किसी स्थान पर 02 से 03 घंटे के लिये रूके थे। जिस पर पुलिस टीम द्वारा उनके आने के रूट के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिये धर्मावाला, आसनबैराज स्थित सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चैक की गयी तो उक्त व्यक्तियों का उन रास्तों से जनपद की सीमा में प्रवेश करना नहीं पाया गया। पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों के जंगल के रास्ते से होते हुए जनपद में प्रवेश करने की सम्भावना के दृष्टिगत हथिनीकुण्ड बैराज खारा पावर हाउस स्थित सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चैक की गयी तो वह उक्त रास्ते से आते दिखाई दिये, आगे के रूट के सीसीटीवी फुटेज चैक करने पर मुख्य मार्ग पर कई स्थानों पर मुख्य मार्ग से जुडने वाले कई रास्ते पुलिस टीम को दिखे जिससे अभियुक्तों के आने के रूट की सही जानकारी करना काफी मुश्किल हो गया था। परन्तु पुलिस टीम द्वारा उक्त रूट के लगभग 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को चैक किया गया, जिसमें अन्ततः पुलिस को थाना भवन के पास जलालाबाद कस्बे की एक सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई जिसमें उक्त संदिग्ध व्यक्ति एक मैकेनिक की दुकान में लगभग 02 से 03 घण्टे तक बिना हैलमेट के खडे दिखाई दिये। सीसीटीवी फुटेज में अभियुक्तों के हावभाव व उनकी गतिविधियों से यह प्रतीत हो रहा था कि अभियुक्त उक्त स्थान से भली भांति वाकिफ हैं तथा सम्भवत: उसी कस्बे के रहने वाले हो सकते हैं, क्योंकि उनके द्वारा उसके आगे के रूट में देहरादून आते समय कहीं पर भी हैलमेट उतारा नहीं गया था। जिस पर पुलिस टीम द्वारा जलालाबाद व उसके आसपास के क्षेत्र तथा आसपास के अन्य जनपदों में सक्रिय अपराधियों व इस तरह के अपराधिक कृत्यों में संलिप्त व्यक्तियों तथा वर्तमान में जेल से बाहर चल रहे अपराधियों की वर्तमान स्थिती की जानकारी व उनके फोटो प्राप्त किये गये तथा स्थानीय सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से उक्त समयावधि के दौरान सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाले तथा कस्बे में आने जाने वाले लोगों की गतिविधियों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित कर लगभग 350 से 400 व्यक्तियों की सूची तैयार की गयी। उक्त सूची का गहनता से अवलोकन कर सूची में नामजद व्यक्तियों की गतिविधियों की जानकारी तथा प्राप्त फोटो से संदिग्ध हुलिये के व्यक्तियों का मिलान करने पर उनके हुलिये फैजल चौधरी निवासी मुजफ्फरनगर, नईम निवासी सहारनपुर, नदीम निवासी बुलंदशहर तथा राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित निवासी बुलंदशहर से मेल खाते हुए प्रतीत हुए। जिस पर उक्त चारों अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो ज्ञात हुई कि फैजल तथा राहुल पण्डित उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में सक्रिय अपराधी हैं तथा इनके द्वारा पूर्व में लूट व डकैती की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। उक्त अभियुक्तों के सम्बन्ध में इलैक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से जानकारी करने परघटना के दिन उक्त चारों अभियुक्तों के मोबाइलों की लोकेशन उनके निवास स्थानों मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर तथा दिल्ली पर होनी पायी गयी। सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त अभियुक्तों के हुलिये हालांकि उनकी फोटो से मेल खा रहे थे, लेकिन फुटेज में अभियुक्तों के हुलिये में स्पष्टता नहीं थी तथा घटना के दिन अभियुक्तों के मोबाइलों की लोकेशन भी उनके निवास स्थान पर होनी पायी गयी, जिससे पुलिस टीम को हताशा हाथ लगी तथा पुलिस टीम द्वारा पुनः उक्त सूची में वर्णित व्यक्तियो के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों की छटनी की गयी तथा उनके सम्बन्ध में स्थानीय मुखबिर तंत्र से गहनता से जानकारी ली गयी तो उक्त चारो व्यक्तियों के ही नाम पुनः प्रकाश में आये।जिस पर पुलिस टीम द्वारा इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से अभियुक्तों के मोबाइल नम्बरों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उनका गहनता से विश्लेषण किया गया तो कुछ चैकाने वाले तथ्य प्रकाश में आये। घटना के दिन अभियुक्तों के मोबाइल फोन तो ऑन थे पर केवल मैसजों का आदान प्रदान हो रहा था। कोई इनकमिंग या आउट गोइंग काल नहीं थी।, अभियुक्तों के मोबाइल नम्बरों की जानकारी में कुछ ऐसे सम्पर्क नम्बर प्राप्त हुए जिन पर उन नम्बरों से लगातार काल किये जाते थे, ऐसे नम्बरों की सूची तैयार कर उनके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर घटना के दिन उसी समयावधि में जब अभियुक्त जलालाबाद में मौजूद थे, उक्त नम्बरों पर जलालाबाद के कुछ नम्बरों से काल किया जाना प्रकाश में आया, जिससे पूर्व में उक्त नम्बरों पर कभी काल नहीं की गयी थी। पुलिस द्वारा ऐसे नम्बरों की सूची तैयार की गयी। उक्त नम्बरों को तस्दीक करने पर नम्बर धारक व्यक्तियों द्वारा बताया गया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपने फोन के काम न करने की बात कहकर जरूरी बात करने हेतु उनसे फोन मांगकर उक्त कालों को किया गया है।
नम्बरो की तस्दीक करने के दौरान उनमें से एक मोबाइल नम्बर उसी मैकेनिक का होना प्रकाश में आया जिसकी दुकान पर संदिग्ध अभियुक्तों की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त हुई थी। जिस पर पुलिस टीम को पूर्ण अंदेशा हो गया कि उक्त अभियुक्त शातिर किस्म के अपराधी हैं जो घटना के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तथा अपने मोबाइल फोनों को घटना के समय अपने घरों पर ही छोडकर आते हैं, जिससे उनकी लोकेशन को कोई ट्रेस न कर सके तथा घटना से पूर्व या घटना के समय अपने परिजनों व अन्य परिचितों से सम्पर्क करने के लिये राह चलते किसी भी व्यक्ति का मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। अभियुक्तों के सम्बन्ध में प्राप्त उक्त जानकारी से स्पष्ट हो गया था कि, इन्ही लोगों द्वारा उक्त लूट की घटना को अंजाम दिया गया है। जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय करते हुए सर्विलांस के माध्यम से अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो अभियुक्त फैजल तथा नईम के सहारनपुर, अभियुक्त नदीम के बुलन्दशहर तथा अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित के दिल्ली में होने की जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर तत्काल तीन अलग-अलग पुलिस टीमें गठित कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु सम्भावित स्थानों को रवाना की गयी। उ0नि0धर्मेन्द्र रौतेला तथा उ0नि0दिलबर सिंह नेगी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा बुलन्दशहर पहुंचकर अभियुक्त नदीम के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारी प्राप्त की तथा स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया जिस पर मुखबिर द्वारा पुलिस टीम को अवगत कराया गया कि अभियुक्त नदीम वर्तमान में अपने घर पर ही है तथा लूट में अपने हिस्से आयी ज्वैलरी को बेचने के लिये अपनी ससुराल जा रहा है। जिस पर पुलिस टीम द्वारा बैकअप टीम को बुलाते हुए दिनांक: 01-10-2020 को रात्रि समय लगभग 0800 बजे अभियुक्त नदीम को गुलावटी फ्लाईओवर के पास से गिरफ्तार किया गया तथा उ0नि0नरेश राठौड के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित को मुखबिर की सूचना पर शहादरा क्षेत्र दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। दोनो अभियुक्तों के कब्जे से घटना में लूटी गयी ज्वैलरी, नगदी व अन्य सामान बरामद किया गया। अभियुक्त नदीम की निशानदेही पर पुलिस टीम द्वारा पलवल रोड शमशान घाट के पास से घटना में प्रयुक्त आर-15 मोटर साइकिल बरामद की गयी। नाम/पता गिरफ्तार अभियुक्त
राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित पुत्र कैलाश चन्द्र शर्मा निवासी: वैद्य जी वाली गली, साठा बाजार बुलन्दशहर उम्र 32 वर्ष, नदीम पुत्र मतीन निवासी: मौ0 शेखपारा थाना व कस्बा सिकन्दराबाद बुलन्दशहर उम्र 26 वर्ष
नाम/पता वांछित अभियुक्त नईम पुत्र शराफत निवासीः बाजोरिया रोड, घोघरेकी सहारनपुर उम्र 24 वर्ष, फैजल चौधरी पुत्र मौ0 अनीस निवासी: 829/5 खालापार, योगेन्द्रपुरी (रामपुरम) थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर, उम्र 24वर्ष पूछताछ का विवरण पूछताछ में अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित द्वारा बताया गया कि नदीम और मैं दोनो बुलन्दशहर के रहने वाले हैं तथा दो साल पूर्व हमारी मुलाकात बुलन्दशहर जेल में हुई थी। नदीम हत्या के केस में जेल में बन्द था तथा मैं लूट के मामले में जेल गया था, जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद हम दोनों का अक्सर मिलना जुलना लगा रहता था। इसी दौरान मेरे द्वारा दिल्ली में मयूर विहार क्षेत्र में अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती की एक घटना को अंजाम दिया गया जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा मुझे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जहां से लगभग 03 माह पूर्व कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मैं पैरोल पर बाहर आया था। बाहर आने के बाद मैं नदीम से मिला तथा मैने उससे लूट की एक बडी घटना को करने की बात कही तथा अपनी इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिये अपने एक अन्य साथी फैजल चैधरी से सम्पकै किया। फैजल मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला था तथा उससे मेरी मुलाकात मण्डोली जेल गाजियाबाद में हुई थी। लूट की योजना बनाने के लिये फैजल, नदीम तथा मैं दिल्ली में मेरे फ्लैट पर मिले, जो मेरे द्वारा किराये पर लिया गया था। इस दौरान फैजल द्वारा अपने एक साथी नईम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नईम वर्तमान में देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में रह रहा है तथा उसने लूट की घटना को अंजाम देने के लिये देहरादून के एक सुनार को चिन्हित किया है। जो प्रतिदिन अपनी दुकान से सारा सोना व कैश बैग में भरकर अपने घर ले जाता है। उक्त सुनार के सम्बन्ध में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये हमने नईम को दिल्ली बुला लिया, जहां नईम द्वारा हमें बताया गया कि देहरादून में जीएमएस रोड स्थित सुनार की एक दुकान की उसके द्वारा लम्बे समय से रैकी की जा रही है तथा उक्त दुकान का स्वामी प्रतिदिन अपनी दुकान के सारे सोने/चांदी के जेवरात व कैश एक बैग में भरकर मोटरसाइकिल से अपने घर जाता है तथा घर के उक्त मार्ग पर एक सुनसान जगह है जहां हम आसानी से उसे लूट सकते हैं। योजना के मुताबिक हमें घटना को अजांम देने के लिये दो मोटर साइकिलों की आवश्यकता थी, क्योंकि नईम द्वारा हमे बताया गया था कि देहरादून में बार्डर व अन्य स्थानों पर पुलिस की चैकिंग काफी सख्त है तथा घटना के लिये अपनी मोटर साइकिलों का इस्तेमाल करने पर हम आसानी से पहचान में आ सकते हैं। हमारे द्वारा घटना को अंजाम देने के लिये 15-16 सितम्बर को दिल्ली के आजाद नगर मण्डी क्षेत्र से 02 मोटर साइकिलों को चोरी किया गया। योजना के मुताबिक घटना को अंजाम देने के लिये हमारे द्वारा 21 सितम्बर की तारीख तय की गयी थी। घटना को अंजाम देते समय हमारे द्वारा मोबाइल फोनों का इस्तेमाल नही किया जाता था, क्योंकि मोबाइल फोन की लोकेशन से पकडे जाने का खतरा अधिक रहता है, इसलिये हमने योजना के मुताबिक 21 तारीख को बेहट में तय समय पर मिलने की योजना बनाई।चोरी की गयी मोटर साइकिलो को फैजल और नईम अपने साथ मुजफ्फरनगर ले आये थे तथा मैं और नदीम दिल्ली में मेरे फ्लैट पर ही रूक गये थे। 21 सितम्बर की सुबह मैं और नदीम दिल्ली आनन्द विहार से टैक्सी बुक कर बेहट पहुंचे जहां पर मेरे द्वारा राह चलते एक व्यक्ति से फोन मांगकर फैजल को फोन किया गया, फैजल द्वारा हमें एक निश्चित स्थान पर खडे होने को कहा गया तथा कुछ देर बाद फैजल और नईम एक बाइक से उक्त स्थान पर पहुंचे। हमारे द्वारा जब उनसे दूसरी बाइक के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो उनके द्वारा उक्त बाइक के खराब होने तथा उसे ठीक करने हेतु जलालाबाद में एक मैकेनिक को दिये जाने की बात कही गयी। चूंकि एक बाइक से लूट की घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता था इसलिये हमने 21 सितम्बर को लूट की योजना को टाल दिया तथा बेहट से नईम और फैजल के साथ थाना भवन पहुंचे, रास्ते में फैजल ने हमें जलालाबाद स्थित उस मैकेनिक की दुकान दिखाई जहां उन्होने दूसरी बाइक को रिपेयर करने के लिये दिया हुआ था । उस दिन नईम ने हमें थाना भवन के एक गावं में अपने रिश्तेदार के घर पर रूकवाया तथा अगले दिन सवेरे 08 बजे उक्त मैकेनिक की दुकान पर मिलने को कहा, अगले दिन मैं और नदीम तय समय पर उक्त मैकेनिक की दुकान पर पहुंचे, कुछ समय इन्तेजार करने के बाद जब फैजल और नईम वहां नहीं पहुंचे तो हमारे द्वारा उक्त मैकेनिक का फोन मांगकर उसके फोन से फैजल को काल किया गया, जिसके द्वारा हमें वही पर रूकने को कहा गया। इसी बीच मैने और नदीम ने उक्त फोन से अपने घरवालों से भी बात की। फैजल और नईम के मैकेनिक की दुकान पर पहुचने के बाद हमने पुन: लूट की योजना के सम्बन्ध में बात की तथा बाइक ठीक होने के पश्चात समय लगभग 01 बजे दोपहर को हम वहां से देहरादून के लिये निकल गये। नईम ने सेलाकुई के आसपास एक कमरा किराये पर लिया था, जहां हम सांय लगभग 05: 30 बजे पहुंचे, उजाला होने के कारण हम कुछ समय के लिये नईम के कमरे पर रूक गये तथा अंधेरा होने पर शाम को समय लगभग 07: 15 बजे वहां से देहरादून के लिये निकले देहरादून पहुंचकर नईम ने हमें उक्त सुनार की दुकान दिखाई जो उस समय खुली थी। फिर हमने बाइक से दो से तीन चक्कर लगाकर दुकान व उसके आसपास के क्षेत्र की रैकी की, मैं और नईम अपाचे बाइक पर थे जिसे नईम चला रहा था तथा फैजल और नदीम आर-15 बाइक पर थे। कुछ देर बाद जब सुनार अपनी दुकान बन्द कर जेवरात व पैसों से भरा बैग लेकर अपने घर जाने के लिये निकला तो हम उसके पीछे-पीछे चल दिये रास्ते में सुनार ने एक स्थान से सब्जी ली तथा वहां से निकलकर जैसे ही वह अंधेरे रास्ते की ओर पहुंचा तो मैने उसे गोली मारकर उसका बैग छीन लिया, और उसके बाद हम चारों वहां से भाग गये। भागने के दौरान रास्ते में नदीम और फैजल हमसे अलग हो गये। पण्डितवाडी से सेलाकुई की ओर जाते समय रास्ते में पुलिस टीम द्वारा वाहनों की सघन चैकिंग की जा रही थी, हमने दूसरे रास्ते से जाने की सोची पर जगह-जगह पुलिस चैकिंग हो रही थी तथा हम उससे पार नहीं हो पा रहे थे। अपने आपको चारों तरफ से घिरता देख हम नन्दा की चैकी से ऊपर डूंगा वाले रास्ते पर जंगल की ओर चले गये तथा उक्त स्थान पर जंगल में मोटर साइकिल को छोडकर जंगल के रास्ते पैदल-पैदल सेलाकुई नईम के कमरे पर पहुंचे, जहां अगली सुबह फैजल और नदीम भी पहुंच गये। जिनके द्वारा हमें बताया गया कि रात्रि में जगह-जगह पुलिस की चैकिंग को देखते हुए उनके द्वारा भी अपनी बाइक को सडक किनारे जंगल में एक स्थान पर छोड दिया गया तथा रात भर वहीं जंगल में छुपने के बाद आज प्रात: किसी तरह वह विक्रम पकडकर सेलाकुई तक पहुंचे। इसके बाद हम चारों ने लूटी गयी ज्वैलरी व नगदी के हिस्से किये तथा नदीम और मैं सेलाकुई से विक्रम पकडकर कुल्हाल तक पहुंचे। कुल्हाल में पुलिस चैक पोस्ट से काफी पहले हम विक्रम से उतर गये तथा वहां से पैदल जा रही मजदूरों की एक टोली के साथ शामिल होकर किसी तरह चैक पोस्ट से पार होकर वहां से अन्य संसाधनों के जरिये पौंटा पहुंचकर वहां से बस से बुलन्दशहर आ गये। बुलन्दशहर आने के पश्चात नदीम अपने घर चला गया तथा मैं भी वहां से दिल्ली रवाना हो गया। इस बीच नदीम और मेरी एक या दो बार बातें भी हुई । मुझे जरा भी अंदेशा नहीं था कि उत्तराखण्ड पुलिस इतनी जल्दी हम तक पहुंच जायेगी। इसलिये मैं बेफ्रिक होकर दिल्ली में ही रूक गया बरामदगी का विवरण अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित से अगूंठी सोने की: 02 अदद, कान की बाली: 01 जोडी, छोटी/बडी चाबियां: 23 अदद घटना में लूटे गये लगभग 1200/- रू0 नगद अभियुक्त नदीम से, अंगूठी सोने की : 04 अदद, कान के रिंग सोने की – 03 जोडी 1610 रू0 नगद, घटना प्रयुक्त मोटर साइकिल आर-15 (फर्जी नम्बर प्लेट लगी) आपराधिक इतिहास अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित मु0अ0सं0: 133/12 धारा: 356 भादवि थाना कोतवाली शहर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 142/12 धारा: 356 भादवि थाना कोतवाली शहर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 153/12 धारा: 356 भादवि थाना कोतवाली शहर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 224/12 धारा: 356 भादवि थाना कोतवाली शहर, मु0अ0सं0: 293/14 धारा: 2/3 गैंगस्टर एक्ट थाना कोतवाली शहर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 803/09 धारा: 272/273/420 भादवि थाना खुर्जा नगर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 894/11 धारा: 395 भादवि थाना खुर्जा नगर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 1033/11 धारा: 398/401 भादवि थाना खुर्जा नगर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 1056/11 धारा: 25 आम्र्स एक्ट थाना खुर्जानगर बुलन्दशहर, मु0अ0सं0: 238/19 धारा: 395/397/412/120बी/34 भादवि व 27 आम्र्स एक्ट थाना मयूर विहार नई दिल्ली, अभियुक्त राहुल शर्मा उर्फ राहुल पण्डित व इसके एक अन्य साथी इकबाल उर्फ अतीक द्वारा वर्ष 2017 में हापुड की एक ज्वैलरी शाॅप में लूट की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसमें पब्लिक द्वारा इसके साथी इकबाल को मौके पर पीट पीटकर मार डाला गया था तथा अभियुक्त राहुल शर्मा द्वारा उक्त घटना में पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर किया गया था, जिसके सम्बन्ध में इसके विरूद्ध हापुड में अभियोग पंजीकृत किया गया था। इसके अतिरिक्त राहुल शर्मा के विरूद्ध गाजियाबाद व अन्य स्थानों पर लूट, डकैती व हत्या के अन्य अभियोग पंजीकृत हैं, जिनके सम्बन्ध मे जानकारी की जा रही है।
अभियुक्त नदीम, मु0अ0सं0: 888/16 धारा 302 भादवि थाना सिकन्दराबाद बुलन्दशहर, अभियुक्त फैजल चौधरी, मु0अ0सं0: 1554/09 धारा: 506 भादवि थाना कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर, मु0अ0सं0: 1375/13 धारा: 396/412/460/120बी भादवि थाना कोतवाली नगर,मुजफ्फरनगर
मु0अ0सं0: 1731/13 धारा: 2/3 गैंगस्टर एक्ट थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर, मु0अ0सं0: 686/14 धारा: 110 जी दंप्रसं0 थाना कोतवाली नगर मुजफ्फरनगर
पुलिस टीम: (बुलन्दशहर)
प्रदीप बिष्ट, प्रभारी निरीक्षक पटेलनगर, उ0नि0 धर्मेन्द्र सिंह रौतेला,उ0नि0 दिलबर सिंह नेगी,
व0उ0नि0 भुवन चन्द पुजारी,
उ0नि0 आशीष रावत, कां0 दीप प्रकाश , कां0 नरेन्द्र, कां0 चमन
09: कां0 ललित पुलिस टीम: (दिल्ली),उ0नि0 नरेश राठौड, उ0नि0 दीपक धारीवाल, कां0 श्रीकांत ध्यानी,
कां0 राजीव कुमार, कां0 अमित
टीम एस0ओ0जी0, ऐश्वर्य पाल, एसओजी प्रभारी,उ0नि0 मोहन सिंह,
उ0नि0 विवेक भंडारी,उ0नि0 अर्जुन गुसाईं, कांस्टेबल आशीष शर्मा,का0 प्रमोद sog, का0 नवीन कोहली, का0 परमेन्द्र, का0 किरण विशेष कार्य घटना के अनावरण हेतु गठित टीम में उ0नि0 धर्मेन्द्र रौतेला, उ0नि0 दिलबर सिंह नेगी, उप निरीक्षक नरेश राठौर, उप निरीक्षक दीपक धारीवाल, उ0नि0 आशीष रावत, कां0 दीप प्रकाश, कां0 नरेन्द्र कां0 चमन तथा कां0 ललित द्वारा Outstanding कार्य किया गया। उक्त टीम द्वारा पूरे जनून के साथ घटना के अनावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अभियुक्तों की शिनाख्त हेतु देहरादून तथा देहरादून से जलालाबाद के मध्य लगभग 150 कि0मी0 के मार्ग पर 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का गहनता से अवलोकन किया गया। उक्त सीसीटीवी फुटेजों को जुटाने तथा उनका अवलोकन करते हुए अभियुक्तों के आने के मार्ग की जानकारी के दौरान कई बार टीम को अलग-अलग सम्पर्क मार्गों पर जाकर निराशा हाथ लगी, परन्तु टीम द्वारा अपने कर्तव्यों की परिधी से बाहर जाकर पूरे जनून के साथ दिन-रात घटना के अनावरण हेतु निरन्तर प्रयत्नशील रहते हुए कार्य किया गया। जिससे इतने कम समय में दून पुलिस द्वारा उक्त शातिर अपराधियों के चक्रव्यूह को तोडते हुए उन्हें गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। उक्त टीम मे मौजूद उ0नि0 आशीष रावत की धर्मपत्नी की कुछ समय पूर्व सिजेरियन डिलीवरी हुई है,

जिस कारण अपने परिवार को समय देने के लिये उनके द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय से आग्रह कर स्वंय को चैकी प्रभारी के पद से अवमुक्त कराते हुए कार्यालय सम्बद्ध कराया गया था, परन्तु उक्त घटना के घटित होने के बाद से ही उनके द्वारा पूर्ण समपर्ण भाव से निरन्तर अपने जनून को बरकरार रखते हुए घटना के अनावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी। साथ ही टीम के अन्य सदस्यों द्वारा भी इसी कर्तव्यनिष्ठा व समर्पण भाव का प्रदर्शन किया गया।
नोट घटना का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को पुलिस उपमहानिरीक्षक /वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा 2500/- ₹, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परीक्षेत्र महोदय द्वारा ₹5000/- तथा पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड द्वारा ₹20000/- पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

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