FeaturedUttarakhand News

विनोग हिल वन्य जंतु विहार में पक्षी गणना में 85 प्रजातियों के 1126 पक्षी मिले।

विनोग हिल वन्य जंतु विहार में पक्षी गणना में 85 प्रजातियों के 1126 पक्षी मिले।

मसूरी। मसूरी वन प्रभाग के तत्वाधान में मसूरी वन्य जंतु विहार बिनोग में आयोजित पक्षी गणना के दौरान पक्षी विशेषज्ञों को 85 प्रजाति के 1126 पक्षी दिखाई दिए। जिससे पक्षी विशेषज्ञों में खासा उत्साह देखने को मिला। क्यो ंकि इस बार पिछली गणना से अधिक प्रजाति व पक्षी दिखाई दिए जो अच्छे संकेत हैं।


बिनोग वन्य जंतु विहार में मसूरी वन प्रभाग के तत्वाधान में आयोजित पक्षी गणना हाथी पांव से बिनोग व वहां से केम्पटी स्थित वन्य जंतु विहार के कार्यालय धोबीघाट तक की गई। जिसमें विशेषज्ञों की चार टीमों ने पक्षियों की गणना व प्रजातियों की पहचान की। इस मौके पर वन विभाग के पीसीसीएफ धनंजय मोहन ने भी पक्षी गणना में भाग लिया व बताया कि पक्षी गणना कार्यक्रम के तहत पक्षियों का श्रवण किया गया जिसमें 85 प्रजातियों के 1126 पक्षी मिले। यह दूरगामी कार्यक्रम है जिसके तहत मई के शुरूआत व दिसंबर के शुरूआत में पक्षी गणना का कार्य किया जाता है। उन्हांेने कहा कि इसके लिए चार रास्ते है जो सात से आठ किमी लंबे है जिसमें पक्षी विशेषज्ञ जाते हैं व उन पक्षियों की पहचान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी पूर्व की भांति जिस तरह के पक्षी दिखते थे वहीं दिखे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 व 2019 में गणना की गई कोविड काल में गणना नहीं हो पायी। लेकिन इस बार भी अधिक अंतर नजर नहीं आया। हर वर्ष गणना में कोई न कोई नये चुनिंदा पक्षी मिल जाते हैं लेकिन इस बार दो पक्षी ऐसे मिले जो पहले रिकार्ड नहीं किए गये। ब्लेकएंड एलो ग्रासबीक मिला वहीं लिटिल व्हाइट फलाई केचर दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस बार धोबीघाट वाले क्षेत्र में ब्रोड बिल जो यहां का चर्चित पक्षी मिले जिसके पांच छह जोड़े प्रजनन गतिविधियां करते मिले। यह पक्षी ऐसे स्थानों पर पाया जाता है जहां कोई हलचल न हो केवल शांति हो कोई व्यवधान न हो। यह अच्छा संकेत है, निसंदेह यह उत्तर भारत के लिए यह ब्रोडबिल देखने के लिए अच्छा क्षेत्र होगा। इस मौके पर डीएफओ कहकशां नसीम ने कहा कि बिनोग हिल सेंचुरी पक्षियों के सरंक्षण के लिए ही बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस बार अच्छे परिणाम आये हैं। इस बार पक्षियों की संख्या व प्रजाति अधिक मिली है। इस बार 85 प्रजातियां मिली हैं। जिसमें क्लेटी हेडेड अधिक मिली क्यों कि आस पास बाग पनप रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 मंे पक्षी गणना के दौरान 78 प्रजाति की 756 पक्षी मिले थे जबकि इस बार 85 प्रजातियों के 1126 पक्षी मिले जिसमें स्लेटी हेडेड पेराकीटस134 व ग्रे होडेड वारब्लेयर के 87 पक्षी मिले। उन्हांेने कहा कि इस क्षेत्र में पक्षी गणना के चार रास्ते हैं जिसमें उत्तराख्ंाड के पक्षी विशेषज्ञ गणना करते हैं इस बार धनंजय मोहन ने नेतृत्व किया जो डब्ल्यूआईआई के निदेशक थे अभी हाल ही में वन विभाग में वापस आये हैं उनके साथ रवि, रमन, अंचल सोंधी, तोकी आदि हैे। इस मौके पर पक्षी विशेषज्ञ रमन ने बताया कि पिछली गणना में भी में भी इस पक्षी गणना का हिस्सा रहा लेकिन खुशी है कि इस बार स्थिति पहले से अच्छी है। जहां तक प्रजातियों का सवाल है तो उसमे ंथोड़ा बहुत अंतर आता है अधिक तर वही हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button