सरकार की बेरुखी से नाराज होकर पूर्व सैनिक उतरे चुनाव मैदान में। सरकार की उदासीनता से आजीज आकर पूर्व सैनिकों ने भी चुनाव लडने का मन बनाया है। आखिर पूर्व सैनिकों को ऐसी क्या जरूरत आन पडी की पूरी जिन्दगी देश की रक्षा करने के बाद आराम से अपना रिटायरमेंट काटने के वजाय उन्हें चुनाव की रणभेरी मे जाने का फैसला लिया। पूर्व सैनिकों ने अपनी पार्टी बनाई है और उस पार्टी का नाम सैनिक समाज पार्टी रखा है। ये पार्टी इस चुनाव मे दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। देहरादून जिले की सहसपुर और धर्मपुर से।
अब हम आपको बताते है कि सैलाकुई के गजेंद्र बिहार मे बनी कालोनी मे पूर्व सैनिकों के मन मे आखिर चुनाव लडने की बात क्यों आई। दरअसल सरकार ने सैलाकुई के जिस क्षेत्र मे इन पूर्व सैनिकों को बसाया है वहां इन देश के रक्षकों का जाना तो दूर साधारण आदमी भी न बसे मगर सरकार ने जब इस जगह पर इन लोगों के लिए कालोनी का निर्माण किया तो आखिर इन लोगों को जाना ही पडा। गजेन्द्र बिहार मे जिस जगह ये कालोनी बसी है उसके बगल से आसान नदी गुजराती है। जिससे बरसात के दिनों मे इस कालोनी मे बसने वाले 600 परिवार डर के साये मे जीने को मजबूर है।
कहीं बार ये सैनिक स्थानीय विधायक के पास अपनी समस्या को लेकर गए मगर विधायक इनकी समस्या को अनसुना कर देते थे और जब इन सैनिकों के द्धारा अपने संबंधों के आधार पर कालोनी से लगी आसन नदी की सीमा पर सुरक्षा दीवार मंजूर कराई गई तो उस काम मे भी स्थानीय विधायक द्धारा रोडे अटकाए गये। काम करने आई मशीनों को वापस भिजवा दिया गया। इतना ही नहीं जब गजेन्द्र बिहार के सैनिकों के साथ सैलाकुई के स्थानीय लोगों द्धारा शीशमबाड़ा कूडा ग्राउंड का विरोध किया गया और सरकार का मुखर होकर विरोध किया गया तो भी स्थानीय विधायक को इन लोगों की ये समस्या नहीं दिखाई दी। शीशमबाड़ा कूडा प्लांट से आसपास बसे लोगों के जीवन और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। मगर इस गंभीर समस्या के निराकरण को सरकार से लेकर स्थानीय विधायक तक कोई तैयार नहीं है। जब सारी जगह गुहार लगाने के बाद इन सैनिकों को कहीं से भी आशा की किरण नहीं दिखाई दी तो अततः इन लोगों ने अपनी पार्टी बनाने का निर्णय लेकर चुनाव मे जाने का फैसला किया। अब ये पूर्व सैनिक सहसपुर मे घर घर जाकर लोगों से अपील कर रहे है कि सैनिक समाज पार्टी के प्रत्याशी को वोट डाले ताकि सहसपुर विधानसभा मे अभिशाप की तरह शीशमबाड़ा कूड़ा फ्लांट को बंद कराया जा सके और सैलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में स्थानीय लोगों को ज्यादा और काबिलियत के हिसाब से रोजगार मिल सके। अब देखना ये लाजिमी होगा कि जिन मुद्धो के साथ सैनिक समाज पार्टी चुनाव में जा रही है लोग उन मुद्धो पर वोट देती है या नहीं।