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प्राइवेट इस्टेट नोटिफाइड करने को बैठक, तीन दिन में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

रिपोर्टर सुमित कंसल मसूरी

प्राइवेट इस्टेट नोटिफाइड करने को बैठक, तीन दिन में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

मसूरी। एसडीएम मसूरी ने मसूरी के प्राइवेट इस्टेटों के सीमांकन की कार्रवाई तेज करने को लेकर बैठक की जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गये ताकि शीघ्र ही प्राइवेट इस्टेटों का सीमांकन का कार्य पूरा किया जा सके।
बैठक की जानकारी देते हुए एसडीएम नरेश दुर्गापाल ने बताया कि मसूरी में 218 प्राइवेट इस्टेट हैं जिसमें ये इस्टेट दो तरह की है जिसमें कुछ नोटिफाइड क्षेत्र में हैं और कुछ डिनोटिफाइड क्षेत्र में हैं। इन इस्टेटों में जो प्राइवेट फारेस्ट है उसे नोटिफाइड किया जाना है। जिसमें सर्वे ऑफ इंडिया, वन विभाग, एमडीडीए, नगर पालिका तथा राजस्व विभाग की एक संयुक्त बैठक रखी गई जिसमें इस पर चर्चा की गई। जिसमें सर्वे ऑफ इंडिया ने 75 इस्टेटों को ग्राउंड पर पूरा वर्क करने के बाद मैप तैयार कर वन विभाग को हैंडओवर कर दिए है। अब इसमें जो पूर्व एसडीएम थे उन्होंने तीन चार विभागों की एक कमेटी बनाई थी उसी को आधार मान कर इन 75 इस्टेटों का सीमांकन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन मैपों का कार्य फील्ड स्तर पर पूरा हो चुका है अब इसे कमेटी में रखा जायेगा जो टेबिल पर बैठ कर वेरीफाइ करेगी जिसमें जीपीएस कोर्डिनेट, मनारों की स्थिति, मैपिंग में रक्बे का मिलान किया जाना है जिसे आगामी तीन दिनों में पूरा तैयार कर शासन को भेज दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्य लंबे समय से पाइप लाइन में है व कई कारणों से विलंब हुआ है। क्यों कि इसमें कई स्टेक होल्डर हैं सर्वें ऑफ इंडिया को जितना पेंमेंट मिला उन्होंने उतना ही कार्य किया। उन्होंने बताया कि इसमें सर्वे ऑफ इंडिया को जो पैसा देना है उसमें आधा एमडीडीए व आधा नगर पालिका को देना है। नगर पालिका ने जो पेमेंट देना है वह प्राइवेट इस्टेट स्वामियों से पिलर लगाने के शुल्क के रूप में वसूलना है जिसे पालिका नहीं वसूल पायी। उन्होंने कहा कि आगे जो भी पेंमेंट सर्वे ऑफ इडिया को की जानी है उसमे ंआधी एमडीडीए व आधी नगर पालिका को देनी है नगर पालिका इस पैसे को बोर्ड से दे या अन्य संसाधनों से दे व प्राइवेट इस्टेट स्वामियों से अपना पैसा वसूलती रहे। क्यो कि इस कार्य में पहले ही विलंब हो चुका है अब इसे पूरा करना है। बैठक में वन विभाग, एमडीडीए, राजस्व विभाग, नगर पालिका के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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