मसूरी। विश्व जल दिवस के अवसर पर मसूरी वासियों को एक नई सौगात मिलने जा रही है। 144 करोड रुपए की लागत से यमुना मसूरी पेयजल योजना का निर्माण कार्य जोरों पर है और शीघ्र ही मसूरी वासियों को पानी की किल्लत से मुक्ति मिलने वाली है, साथ ही 2052 तक यहां के निवासियों को पानी की किल्लत से छुटकारा मिल जाएगा। पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटक सीजन के दौरान पानी की भारी किल्लत रहती है और टैंकरों से पानी की सप्लाई की जाती है। अंग्रेजों के समय बनाए गए पानी के पंप से ही अब तक मसूरी में पानी की सप्लाई की जाती थी।
आबादी बढ़ने के साथ-साथ पानी की खपत भी बढ़ने लगी लेकिन इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया अब यमुना मसूरी पेयजल योजना से यहां के निवासियों के साथ ही आने वाले पर्यटकों को भी पानी की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सन 1993 विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है और जल ही जीवन है के नारे के साथ पूरे विश्व में पानी की बचत को लेकर लोगों को संदेश दिया जाता है। मसूरी में बिछाई जा रही यमुना मसूरी पेयजल योजना के अभियंता जेपी सिंह ने बताया कि विश्व जल दिवस पर मसूरी वासियों को पेयजल योजना की सौगात दी जा रही है बताया कि इस योजना से मसूरी वासियों को लाभ मिलेगा साथ ही यह योजना केवल मसूरी वासियों के लिए ही बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मसूरी को 14 जोनों में बांटा गया है और निर्माण कार्य लगातार प्रगति पर है साथ ही कुछ दिक्कतें भी आ रही हैं लेकिन योजना का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योजना के निरीक्षण के लिए समय-समय पर उच्च अधिकारी मसूरी आते हैं और योजना की प्रगति को लेकर सब संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी और लोगों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि पानी के स्टोरेज के लिए टैंक बनाए गए हैं जिससे मसूरी में पानी की सप्लाई की जाएगी साथ ही योजना पूरी होने के बाद गढ़वाल जल संस्थान को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।