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भगवान शंकर आश्रम मसूरी का 7वाँ स्थापना दिवस पर अनुष्ठान किया गया।

भगवान शंकर आश्रम मसूरी का 7वाँ स्थापना दिवस पर अनुष्ठान किया गया।

मसूरी। आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन, भारत के तत्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम, मसूरी में अक्षय तृतीया एवम् भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ। इस अवसर पर विशेष वैदिक मंत्रों से अग्निहोत्रं किया गया। आश्रम से संबंधित संयोगियों ने गुरुश्रेष्ठ आर्यम जी महाराज के सानिध्य में आश्रम का सातवां स्थापना दिवस भी धूम धाम से मनाया।


परमप्रज्ञ जगतगुरु प्रोफेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के पावन सानिध्य में अग्निहोत्र एवम् सूक्ष्म पुष्पार्चन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए गुरुदेव आर्यम जी ने स्पष्ट किया कि अक्षय तीज का हमारे जीवन में क्या महत्व है। उन्होंने बताया कि अक्षय तीज पर ही देवभूमि उत्तराखंड के चारों धाम की यात्रा का प्रारंभ हो चुका है व भगवान परशुराम जी की जयंती मनायी जाती है। इसी दिन कुबेर देवता को उनका ख़ज़ाना प्राप्त हुआ। इस दिन ऐसे अनेक पर्व हैं ,जिनका महत्व अक्षय तीज से है। अक्षय तीज का हमारे शास्त्रों में बहुत महत्व है, इस दिन किए गए दान पुण्य हज़ार गुणा फल देता हैं। साथ उन्होंने बताया कि इस अवसर पर की गई साधनाएं अधिक फलित और सिद्ध होती हैं। परमात्मिक ऊर्जाएं हमारे निकट होती हैं, इस कारण परमात्मा से की गई प्रार्थनाएं आज के दिन स्वीकृत होती हैं। इस अवसर पर सोना,चाँदी एवम बहूमूल्य रत्नों की ख़रीदारी, व्यवसाय का शुभारंभ , मकान की नींव का प्रारंभ या प्रविष्ट होना सभी शुभ काज किए जाता हैं। गुरुदेव ने बताया कि यह तिथि हमारे जीवन में अच्छे फलों को लेकर उपलब्ध होती है। अक्षय तीज पर हम परमात्मा को प्रसन्न कर सके यह हमारा ध्येय होना चाहिए। अक्षय तृतीया पर किया गया कोई भी अच्छा कार्य कभी क्षरित नहीं होता। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुरुष सूक्त और खड़गमाला मंत्रों से विशिष्ट औषधियों से युक्त सामग्री के द्वारा परमात्मा के लिए आहुतियाँ प्रदान की गई। इस शुभ उपलक्ष्य ट्रस्ट के सेवादार राकेश शर्मा द्वारा 100 कपूर ,100 रुद्राक्ष और 100 बिल्वपत्र के पौधें आगंतुकों को अपने अपने घरों पर लगाने हेतु प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम के आयोजन में आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री के अलावा हर्षिता आर्यम, प्रतिभा आर्य, प्रीतेश आर्य, अविनाश जायसवाल, श्वेता जायसवाल, रवि कुमार, प्रजेश यादव, निशा शर्मा, रवि शर्मा, रोहित वेदवान, राकेश शर्मा, सीमा यादव, उत्कर्ष सिंह, किरण बाला, प्रबुद्ध सिंह आदि का विशेष योगदान रहा।

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