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हिमालयन हेरिटेज सेंटर ने मसूरी के गौरवमयी इतिहास व आर्ट पर प्रदर्शनी लगाई।

हिमालयन हेरिटेज सेंटर ने मसूरी के गौरवमयी इतिहास व आर्ट पर प्रदर्शनी लगाई।
मसूरी। मसूरी के गौरवमयी दो सौ साल पूरे होने पर हिमालयन हेरिटेज संेटल घंटाघर लंढौर में मसूरी के इतिहास व आर्ट से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें मसूरी के पूरे इतिहास को दर्शाया गया है। मसूरी के इतिहास की प्रदर्शनी पूरे वर्ष लगी रहेगी व आर्ट की प्रदर्शनी दो माह तक लगी रहेगी।


हिमालयन हेरिटेज सेंटर की निदेशक सुरभि अग्रवाल ने बताया कि मसूरी के दौ सौ साल पूरे होने पर यह प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें एक द हिस्ट्र ऑफ बर्थ ऑफ मसूरी जिसमें 1790 से लेकर मसूरी की बसावत तक के चित्र व नक्शे रखे गये है। प्रदर्शनी में गढवाल शासन, गोरखा शासन, ब्रिटिश के आने मसूरी नाम कैसे पड़ा आदि सभी प्रदर्शनी में है। प्रदर्शनी में फेड्रिक शोर के बारे में विस्तार से जानकारी है जिसका कम लोगों को पता है कि वह यहां के निवासियों को सहयोग करते थे उनकी जमीनों को उनका हक दिलवाते थे। उन्होंने कहा कि मसूरी को बनाने में हर वर्ग के सहयोग को दिखाया गया है। गोरखा युद्ध देहरादून जिसमें राजा प्रदयुमन मारे गये थे, प्रदर्शनी मंे भद्राज का 1814 का नक्शा है जिसमें गोरखा शासन में यहां कौन आये भद्राज में जो पत्थर है जिसमे नाम लिखे है वह किसके है, गढवाल के राजा का इतना बडा एंपायर रहा, मसूरी के विकास में किन हस्तियों योगदान रहा। वहीं मसूरी में जिन ब्रिटिश अधिकारियों ने यहां के विकास में योगदान दिया, जिन भारतीयों ने योगदान दिया उनके बारे में भी प्रदर्शनी में बताया गया है। वहीं दूसरी प्रदर्शनी आर्ट की है जिसका नाम द रिप्लेस रिकाल होम है जिसमें मसूरी के जाने माने अर्टिस्टों के बारे में जानकारी है तथा उनके बनाये चित्र रखे गये है। इनमें अमिताभ कुमार, विजय सिंह, जो मसूरी के हैं वहीं कुछ ऐसे है जो बाद में मसूरी आये व यहां बस गये जिनमें दर्शनी जी वाणी चद्रशेखर, ताशी जो यहंा पढते थे नेशनल आर्टिस्टि विनोद बिहारी मुखर्जी आदि के कलेक्शन रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी लगाने का मकसद यह है कि मसूरी के लोग मसूरी के इतिहास को जानें, खास कर स्कूली बच्चे या युवा पीढ़ी अपने शहर के बारे में जाने।

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