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वुड स्टॉक स्कूल में अंतरराष्ट्रीय वेल बीइंग कॉन्फ्रेंस 2024 पाथवेज टू फ्लरिश का आयोजन 27 व 28 सितंबर को होगा।

वुड स्टॉक स्कूल में अंतरराष्ट्रीय वेल बीइंग कॉन्फ्रेंस 2024 पाथवेज टू फ्लरिश का आयोजन 27 व 28 सितंबर को होगा।

मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी की प्रकृति व शांत वातावरण में वुड स्टॉक स्कूल मंे आगामी 27 व 28 सितंबर को पहली अंतर्राष्ट्रीय वैल बीइंग कांफ्रेस, 2024 विषय पाथवेज टू फ्लरिश का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 17 राज्यों 77 स्कूलों के 147 प्रतिनिधि व एक नेपाल के स्कूल के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे। दो दिवसीय सम्मेलन में कुल 232 प्रतिनिधि विभिन्न समूह में हिस्सा लेंगे, जिसमें बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, भवनात्मक लचीलेपन को बढाने व बच्चों के कल्याणकारी व समावेश के लिए समग्र दृष्टिकोण को बढावा देने में अग्रणी भूमिका निभायेगा।
पाथवेज टू फ्लरिश सम्मेलन की जानकारी देते हुए वुड स्टॉक स्कूल की हेड ऑफ पर्सनल कांउसलिंग डिपार्टमेंट बीनू थॉमस ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में स्कूली बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक लचीलेपन को बढाने के लिए बनाई गई रूपरेखा व कार्यक्रम के तहत मंथन किया जायेगा। सम्मेलन का मुख्य उददेश्य अगली पीढी के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनान व स्कूली समुदायों को जरूरी जानकारी उपकरणों के माध्यम से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि वुड स्टॉक स्कूल सामाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी के तहत यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिसमें मानसिक कल्याण को प्रोत्साहन देना है। सम्मेलन इसको लेकर आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें दृष्टि भसीन ने बताया कि बच्चों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के साथ ही शारीरिक मानसिक और भावनात्मक स्थिति को मजबूत करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्हांेने बताया कि वुडस्टॉक स्कूल 170 साल पुराना स्कूल है और यहां पर देश-विदेश के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं इस तरह का आयोजन भारत में पहली बार किया जा रहा है जिसको लेकर छात्र-छात्राओं में भी उत्साह देखा जा रहा है। इस मौके पर विवेक विलियम ने बताया कि सम्मेलन में उत्तरकाशी की महिलाओं के द्वारा हाथ से बनाये गये थैलों की बिक्री की जायेगी व उससे हुई आय से महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस मौके पर पर्सनल काउंसलर वुड स्टॉक स्कूल ने बताया कि सम्मेलन में जो बच्चे आयेंगे उनके मानसिक स्थिति को बेहतर करना है। इसमें कोशिश है कि स्कूल प्रशासन, प्रधानाचार्य व शिक्षक आदि बच्चों को सिखा सकें कि अपने जीवन के किस तरह से अच्छी मानसिकता से आगे बढा सकें। हर बच्चे के संपूर्ण विकास की तरफ देख रहे है, जिसमें चिकित्सकों को भी बुलाया है कि जो बतायेंगे कि स्वास्थ्य किस तरह बेहतर बनाया जा सके, नशे से दूर कर सकें, किस प्रकृति में रहकर व आसपास की चीजों को देखकर कुछ सीख सकें। इनके लिए देश विदेश से विषय विशेषज्ञों को बुलाया गया है, कुछ ऑन लाइन सम्मेलन को ज्वाइंन करेंगे। इन विशेषज्ञों में आस्टेªलिया से सोसियो इमोशनल वैलबीइंग एक्सपर्ट डेविड बोट, डिजिटल वैलबीइंग एक्सपर्ट मनोज अब्राहम आईपीएस, फिजिकल वैलबीइंग एक्सपर्ट डा. पुतुलिमला, एसोसिएट प्रोफेसर डा. अनीश कुमार, बेंगलरू, काटे बर्बट आस्टेªलिया आदि प्रमुख हैं।

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