संत निरंकारी सत्संग भवन विकासनगर में सत्संग का आयोजन

संत निरंकारी सत्संग भवन विकासनगर में आज सत्संग का आयोजन में ब्रांच के मुखी महात्मा साहबराम जी ने अपने वचनों में कहा कि परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है यदि हम ईश्वर से प्यार करते हैं और उसको पाने की इच्छा मन में हो तो गुरु के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है उन्होंने यह भी कहा यदि हमें ईश्वर का भय है और यह बात समझ में आ गई है कि दुख देने से दुख ही मिलता है तो हम कभी गलत काम नहीं करेंगे किसी की बद्दुआ नहीं लेंगे क्योंकि यह बहुत ही कष्टकारी होती है जहां तक हो सके दूसरों से आशीर्वाद व शुभकामनाएं ही लेनी चाहिए जो भी बोले सोच समझकर बोलें कि आपके बोल कहीं सच हो जाए तो क्या होगा हम क्रोध में बहुत कड़वा बोल जाते हैं और यह भूल जाते हैं कि यदि हम अपनों को दुख पहुंचाएंगे तो दुख तो हमें ही होगा क्योंकि हम उन्हें प्यार करते हैं दिल को चीर कर दो किसी ने नहीं देखा प्यार तो जतलाने से ही पता चलता है इसलिए हम स्वयं में सुधार लाएं ताकि हमारे संपर्क में आने वाले सभी लोग आनंदित हो होकर जाएं और दोबारा मिलने की चाहा रखें
सुख की और अपना पहला कदम घर से ही प्रारंभ करें घर का वातावरण शुद्ध होगा तो आपसी प्रेम बढ़ेगा बड़ों को चाहिए कि वह बच्चों को कोमल भावनाओं को समझाते हुए उनकी गलतियों को क्षमा करने की कोशिश करें बच्चे नादान होते हैं वह भूल करते ही रहते हैं इसलिए जब भी वह कोई भूल करें तो उसको प्रेम से ही समझाना चाहिए सतगुरु द्वारा दिया हुआ ब्रह्म ज्ञान यही समझाता है कि हम एक दूसरे से प्यार करें मिल बर्तन का भाईचारे का संदेश है समाज को दें जिससे समाज में एक दूसरे के प्रति प्यार नम्रता मिल बर्तन आपस में रहे