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विकासनगर निर्दलीय प्रत्याशी गुरमेल सिंह राठौर ने जनता की समस्या के निवारण के लिए जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमण पत्र 1985 की बाध्यता को समाप्त कराने के लिए करेंगे संघर्ष


सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास पत्र की आवश्यकता होती है उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वर्ष 1985 का भूमि दस्तावेज या निवास का कोई प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होता है जिन लोगों के पास वर्ष 1985 का कोई कागजात नहीं होता है
उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है कौशिक समिति की रिपोर्ट के अनुसार एडवोकेट गुरमेल सिंह राठौर ने अपने बयान में कहा कि उत्तराखंड में निवास कर रहे लोगों को मूल निवास प्रमाण प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र बनवाने में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है उन्होंने कहा अपनी सरकार बनने पर अपने प्रयास से वह हर संभव कोशिश कर इस व्यवस्था को समाप्त कर आएंगे तथा राज्य निर्माण की दिनांक से उत्तराखंड में रह रहे सभी व्यक्तियों के जाति मूल निवास पत्र भी बनवाए जाएंगे विधानसभा चुनाव मैं इस समय गुरमेल सिंह राठौर अपनी चुनावी गतिविधि में पूर्ण रूप से जोर शोर से जनता के बीच सक्रिय नजर आ रहे हैं