गत्ता फैक्ट्रीया से अवैध रूप से दूषित पानी सिंचाई की नहरों में डाला जा रहा है प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को नियमों का ठेंगा
पुलिस के द्वारा हिंदी मैगजीन के रिपोर्टर रंजीत सिंह रुद्रपुर उधम सिंह नगर उत्तराखंड
रुद्रपुर में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों को ठेंगा
गदरपुर रोड पर कई गत्ता फैक्ट्रियां अवैध रूप से संचालित
सिंचाई की नहरों में डाला जा रहा है दूषित पानी, खेती पर
रंजीत कुमार , रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर
रुद्रपुर। उधमसिंह नगर के जिला मुख्यालय से सटे गदरपुर रोड पर कई गत्ता फैक्ट्रियां अवैध रूप से संचालित हो रही हैं और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए सिंचाई की नहरों में दूषित पानी छोड़ा जा रहा है। सिंचाई की नहरों में फैक्ट्रियों का दूषित पानी छोड़ने से अब खेती पर भी संकट पैदा होने लगा है।
गदरपुर हाईवे पर गांव मोहनपुर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कई गत्ता फैक्ट्रियां बिना मानकों के संचालित हो रही है। इसमें फैक्ट्रियों के पास नियमों के अनुसार कई प्रमाण पत्र भी नहीं वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से भी इन गत्ता फैक्ट्रियों ने एनओसी तक नहीं ले रखी हैं। कई वर्षों से यह फैक्ट्रियां अपने कारखानों से निकलने वाले दूषित पानी को बिना ट्रीटमेंट प्लांट के ही सिंचाई की नहर में निकासी कर रहे हैं। इससे अब आसपास के किसानों के समक्ष खेती का संकट पैदा हो गया है। इसी मामले में क्षेत्र के कुछ किसान कई बार जिला प्रशासन के समक्ष अपनी समस्या रख चुके हैं, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। किसानों का कहना है कि सिंचाई की नहर में दूषित पानी को छोड़ने से पानी पूरी तरह से खराब हो गया है और इसका सीधा असर खेती पर पड़ने लगा है। धान की फसल जहां पहले काफी मुनाफे का सौदा होती थी वहीं अब यह खेती पैदावार में घटने लगी है। सबसे खास बात यह है कि इन फैक्ट्रियों ने अपने प्रतिष्ठान के नाम के बोर्ड तक नहीं लिखे हुए हैं। दिनरात संचालित होने वाली इन फैक्ट्रियों ने सीधे तौर पर पीसीबी के नियमों को ताक पर रखा हुआ है और फैक्ट्री संचालन एक्ट के नियमों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यदि इसी तरह से लगातार नहर में दूषित पानी जाता रहा तो आने वाले कुछ वर्षो में उनके सामने खेती की पैदावार का संकट पैदा हो जाएगा। उनका कहना है कि इस दिशा में जिला प्रशासन सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी मौके पर आकर जांच करनी चाहिए ताकि इस तरह से दूषित पानी को नहर में छोड़ने से रोका जा सके। उधर इस मामले में जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में अभी आया है वह मौके पर जाकर जांच करने के पश्चात ही आगे की कार्रवाई करेंगे।