बैंक आफ बड़ौदा के रक्तदान शिविर में 28 यू्निट रक्त एकत्रित किया गया। रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा को किया सम्मानित … कोई नहीं जानता कि रक्त की कब,कहॉं और किसे जरूरत पड़ जाए*- बिशम्भर दत्त” देहरादून। आज बैंक ऑफ बड़ौदा के 116 वें स्थापना दिवस समारोह दिवस पर इंदिरा नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय, द्वारा जिला रेडक्रास सोसाइटी तथा दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के सहयोग से बैंक के सभागार में आयोजित रक्तदान शिविर,विचार गोष्ठी तथा सम्मान समारोह में बैंक ऑफ बड़ौदा की समस्त शाखाओं के कुल 28 पुरूषों व महिलाओं ने रक्तदान किया।
शिविर का उद्घाटन बैंक ऑफ बड़ौदा के उप क्षेत्रीय प्रमुख श्री बिशम्भर दत्त, जिला रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन डॉ० एम एस अंसारी, यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा, रेडक्रास मैनेजिंग कमेटी सदस्यों विकास गुप्ता एवं योगेश अग्रवाल, दून मेडिकल कॉलेज हाॅस्पिटल ब्लड बैंक की चिकित्साधिकारी डॉ० निवेदिता सजवाण,एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० नेहा बत्रा तथा रेडक्रास स्टेट डिजास्टर रिस्पांस टीम सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा के संस्थापक महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ के चित्र पर माल्यार्पण के उपरांत फीता काटकर हुआ। रक्तदाताओं व अतिथियों का स्वागत करते हुए बैंक के उप क्षेत्रीय प्रमुख बिशम्भर दत्त ने समस्त रक्तदाता कर्मचारियों को बैंक के 116 वें दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है । रक्त का कृत्रिम निर्माण नहीं किया जा सकता है।केवल एक मनुष्य का रक्त ही दूसरे मनुष्य को चढ़ाया जा सकता है।सच्चाई तो यह भी है कि किसी भी व्यक्ति को कब और कहां रक्त की आवश्यकता पड़ जाये, कहा नहीं जा सकता।अतः मानवता की सेवा के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी का अहसास करते हुए हमें स्वैच्छिक रक्तदान अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा को अब तक 150 से अधिक बार रक्तदान करने के लिए सराहना करते हुए विशेष रूप से सम्मानित किया।शिविर सह संयोजक रेडक्रास मैनेजिंग कमेटी सदस्य विकास गुप्ता ने कहा कि रक्तदान समाज सेवा का सर्वोत्तम माध्यम है। थैलीसीमिया,हीमोफीलिया,गंभीर दुर्घटनाओं,कैंसर पीड़ितों,हार्ट पेशेंट के ऑपरेशन, रक्ताल्पता,आग से जलने तथा महिलाओं को प्रसव के दौरान आदि के कारण रक्त की मांग लगातार बनी रहती है। परंतु आज भी रक्त की मांग की तुलना में इसकी आपूर्ति बहुत ही कम है। अतः प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को प्रत्येक तीन माह में स्वेच्छापूर्वक रक्तदान करने के स्वयं ही आगे आना चाहिए।अब तक रिकाॅर्ड 150 से अधिक बार रक्तदान कर चुके यूथ रेडक्रास के चेयरमैन रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा ने कहा कि विज्ञान के इस युग में भी रक्तदान के प्रति समाज में अनेकों अंधविश्वासों बोलबाला है। जैसे कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है। शरीर में रक्त की बहुत कमी हो जाती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। शरीर में एड्स आदि गंभीर बीमारियां लग जाती हैं। लगातार रक्तदान करने वालों के बच्चे पैदा नहीं होते आदि आदि।अनिल वर्मा ने इन समस्त भ्रांतियों को पूरी तरह बेबुनियाद तथा अवैज्ञानिक सोच का परिणाम बताया। उन्होंने इसके विपरीत नियमित रूप से रक्तदान करने से रक्तदान करने वाले व्यक्ति को होने वाले अनेक फायदों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी,उन्होंने बताया कि प्रत्येक तीन माह बाद रक्तदान करने वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक होने की 80 प्रतिशत तथा कैंसर होने की प्रतिशत संभावनाएं कम हो जाती हैं। हाई ब्लड प्रेशर तथा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायता मिलती है। एच० डी० एल०यानी गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।तथा एल०डी०एल०यानी खराब कोलस्ट्रॉल कम हो जाता है। एक बार रक्तदान करने से शरीर से 650 कैलोरी बर्न होती है,जिससे चर्बी घटते रहने से मोटापा नहीं होता। रक्तदान करनू से बोन मैरो एक्टिवेट होकर नये रक्त का निर्माण तेजी से करता है जिससे शरीर में नई ऊर्जा उत्पन्न होती है। दान किए गए रक्त की आपूर्ति शरीर में 24 घंटे में स्वत: हो जाती है । धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बैंक की वरिष्ठ प्रबंधक किरन भंडारी ने रक्तदान शिविर के सहसंयोजक विकास गुप्ता,यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा,रेडक्रास मैनेजिंग कमेटी सदस्य योगेश अग्रवाल,ब्लड बैंक अधिकारी डॉ० नेहा बत्रा एवं डॉ० निवेदिता सजवाण,रेडक्रास एवं ब्लड बैंक के सदस्यों तथा समस्त महिला – पुरुष रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के वरिष्ठ प्रबंधक अनुपम मिश्रा,राहुल नवानी,विकास वर्मा, अब तक 129 बार रक्तदान कर चुके रेडक्रास मैनेजिंग कमेटी सदस्य योगेश अग्रवाल,मेजर प्रेमलता वर्मा, पुष्पा भल्ला,अंतेजा बिष्ट,शालू जैन, राघव गोयल, दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक की काउंसलर अनिता सकलानी,आशीष खाली,दीपक जगवाण धनवीर वगियाल,चंद्र मोहन सिंह बिष्ट,विजय नेगी,रविन्द्र सिंह भंडारी तथा हरीश भट्ट ने शिविर के संचालक में विशेष सहयोग प्रदान किया।