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कालसी, राष्ट्रीय गोकुल मिशन परियोजना के तहत 19.63 करोड की योजनाओं का केंद्र के मत्स्य पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री परषोत्तम रूपाल ने किया लोकार्पण

UK/ कालसी
इलम सिंह चौहान

कालसी, राष्ट्रीय गोकुल मिशन परियोजना के तहत19.63 करोड़ की योजनाओं का केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री परोषत्तम रुपाल ने किया लोकार्पण

जनपद देहरादून के कालसी स्थित राजकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र मे केंद्रीय मत्स्य , पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री परोषत्तम रूपाल द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन परियोजना के तहत 19 करोड़ 63 लाख की लागत से स्थापित गोवंश हेतु भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीकी प्रयोगशाला एवं जैव भ्रूण प्रौद्योगिकी छात्रावास व सचल भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला वाहन का लोकार्पण किया गया, साथ ही नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित चार करोड बयान में लाख रुपए की लागत से स्वचालित मिल्क पार्लर, 50 वत्स क्षमतायुक्त शिशु गोवंश बाड़ा ,3 हजार कुंतल क्षमता युक्त भूसा गोदाम ,पशुओं के लिए पीने के पानी की

व्यवस्था हेतु 1 लाख लीटर क्षमता युक्त पेयजल टैंक एवं डेढ़ किलोमीटर लंबी पेयजल लाइन का विकास व कृषक प्रशिक्षण केंद्र का सुदृढ़ीकरण आदि कार्य योजनाओं का शिलान्यास भी किया। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देश भर में पशु पालन विभाग को मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से पशुपालकों के घर पर पशु चिकित्सा सेवाएं दिए जाने के लिए अभिनव योजना स्वीकृत की गई है

जिसमें उत्तराखंड राज्य को 7 मोबाइल क्लीनिक स्वीकृति कर बजट आवंटित किया जा चुका है साथ ही खेतीहर कृषकों की भांति मत्स्य पालकों को भी 0% ब्याज दर पर पशुपालन किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाने का निर्णय लिया गया है दूध अंडा एवं मछली पालन के क्षेत्र में सर्वागीण विकास कर कृषकों की आय में वृद्धि के लिए भारत सरकार कृत संकल्प है।

कार्यक्रम में पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री उत्तराखंड द्वारा पशु चिकित्सालयो के आधुनिकरण, चारा विकास, अति हीमीकृत वीर्य उत्पादन प्रयोगशाला के उन्नयन ,कुकुट सेक्टर के विकास ,भेड़ एवं बकरी पालन सेक्टर के विकास तथा रोग निदान प्रयोगशालाओं के उन्नयन हेतु प्रस्तावित 500 करोड़ से अधिक लागत की कार्य योजनाओं की भारत सरकार के स्तर से स्वीकृति की मांग की गई। इस अवसर पर आईएएस डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम सचिव पशुपालन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि विगत 80 वर्षों से राजकीय पशु प्रक्षेत्र कालसी द्वारा रेड सिंधी नस्ल के गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर प्रशंसनीय योगदान रहा है

और वर्तमान समय में प्योरब्रीड रेड सिंधी ब्रीडिंग स्टॉक के रूप में राजकीय पशु धन केंद्र कालसी के रेट सिंधी नस्ल के गोवंश को अग्रणी यह स्थान प्राप्त है और पशु चिकित्सा विशेषज्ञ हेतु स्टेट ऑफ ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी सेवाएं दी जा रही है और देश में पहली बार विदेशी तकनीकी आयात कर लिंग वर्गीकृत कृत्रिम गर्भाधान इस तरह तैयार किए जाने हेतु प्रयोगशाला की स्थापना की गई है कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर कैलाश उनियाल द्वारा किया गया और कार्यक्रम के समापन पर निदेशक पशुपालन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया इस कार्यक्रम में आईएएस डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम सचिव पशुपालन, डॉक्टर एम एस चौहान निदेशक एनडीआरआई करनाल, डॉक्टर भूषण त्यागी संयुक्त आयुक्त राष्ट्रीय गोकुल मिशन, डॉक्टर प्रेम कुमार निदेशक पशुपालन विभाग/ संयुक्त आयुक्त राष्ट्रीय गोकुल मिशन, डॉक्टर प्रेम कुमार निदेशक पशुपालन विभाग/ मुख्य अधिशासी अधिकारी उत्तराखंड पशुधन विकास परिषद, डॉ एस एस बिष्ट पूर्व निदेशक पशुपालन, डॉ के के जोशी पूर्व निदेशक पशुपालन, डॉ कमल सिंह अधिशासी अधिकारी पशुधन विकास परिषद, डॉ अशोक कुमार अपर निदेशक गढ़वाल मंडल, डॉ लोकेश कुमार परियोजना निदेशक राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र कालसी, डॉ नीरज सिंघल संयुक्त निदेशक प्रशासन पशुपालन निदेशालय उत्तराखंड, डॉक्टर डी डी के शर्मा संयुक्त निदेशक पशुपालन निदेशालय, डॉ अविनाश आनंद मुख्य अधिशासी अधिकारी उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास परिषद, डॉ सुनील बिंजोला संयुक्त निदेशक पशुपालन निदेशालय, डॉ आशुतोष जोशी प्रभारी अधिकारी /संयुक्त निदेशक उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड, डॉ आर एस नेगी रजिस्ट्रार उत्तराखंड पशु चिकित्सा परिषद, डॉ विद्यासागर कापडी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी देहरादून, डॉ एस के सिंह मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पौड़ी, डॉ योगेश भारद्वाज मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार, डॉ असीम देव संयुक्त निदेशक यू एल डी वी, डॉ अजय पाल सिंह अस्वाल विशेषज्ञ भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक, डॉ कैलाश उनियाल अध्यक्ष उत्तराखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ, डॉक्टर अजय पाल, डॉ मनोज कुमार डिमरी, डॉक्टर सतीश जोशी, डॉ विवेकानंद सती, डॉ पुनीत भट्ट ,डॉ विशाल शर्मा, डॉ दिनेश चंद्र सेमवाल, डॉ अशोक बिष्ट, डॉ अनूप नौटियाल, डॉ अमित देवराडी, डॉ चेतना धपोला, डॉ उर्वशी प्रकाश, डॉ बृजेश रावत, डॉ शाहजहां, डॉ मृदुला तिवाडी, डॉ साजिद, डॉ बीना बिष्ट, ज्येष्ट प्रमुख भीम सिंह चौहान , कनिष्ठ प्रमुख रितेश असवाल, एवं अन्य विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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