गुुफा के माध्यम से साहसिक पर्यटन को बढावा देने के लिए वन विभाग ने आईटीबीपी से निरीक्षण करवाया।
मसूरी। मसूरी वन प्रभाग की भद्रीगाड रेंज में ग्राम सैंदुल में ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए डीएफओ मसूरी कहकशां नसीम के तत्वाधान में आईटीबीपी अकादमी मसूरी के डायरेक्टर अजय पाल और उनकी टीम द्वारा सैंदुल गांव में प्राचीन गुफा का निरीक्षण किया गया।
ताकि आने वाले समय में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाशी जा सकें।
आईटीबीपी के निदेशक अजय पाल ने मौके पर जाकर एक टीम बनाई व उस टीम के द्वारा सैंदुल गांव के समीप एक प्राचीन गुफा को एक्सप्लोर किया जा रहा है ताकि साहसिक पर्यटन को बढावा देने में गुफा के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सके। डीएफओ कहकशा नसीम ने आईटीबीपी के अजय पाल का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने वन विभाग के साथ मिलकर इस पहल को साकार करने में मदद कर रहे है। उन्होंने कहा कि सेंदुल गांव में तीन गुफाएं है जिनमें साहसिक पर्यटन को बढावा देने के लिए संभावनाएं देखी जा रही हैं।
इस मौके पर रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने बताया के आईटीबीपी की टीम इन गुफाओं में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं के तहत मदद करने के लिए आई है। उन्होंने कहा कि सैंदुल गांव बहुत सक्षम है जहां सेंसिबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए और जंगल बचाने के लिए लोगो को उन्ही के परिवेश में रह कर अच्छे रोजगार उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। जल, जंगल और जमीन इन सब को साथ में लेकर चलना हमारी जिम्मेदारी है। इस मोके पर आईटीबीपी के निदेशक अजय पाल ने क्षेत्र में बच्चो को सेना व अर्धसैनिक बलों में जाने के लिए प्रशिक्षण देने का आश्वासन दिया गया। मसूरी वन प्रभाग की इस पहल को सभी ग्राम वासियों द्वारा स्वागत किया गया है। इस मौके पर ग्राम प्रधान राजेंद्र सिंह चौहान ने भद्रीगाड रेंज, मसूरी वन प्रभाग और आईटीबीपी अकादमी की टीम का आभार व्यक्त किया और उनसे क्षेत्र में विकास के साधन उपलब्ध कराने की मांग भी की। वहीं कहा कि गुफा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए आईटीबीपी की टीम सतत प्रयास कर रही है। जल्द ही हमें इसमें सफलता मिलेगी और वन विभाग की टीम तथा आईटीबीपी द्वारा इस पहल को अंजाम दिया जा रहा है।