देहरादून, एन,सी,पी युवा प्रदेश अध्यक्ष सौरभ आहूजा ने प्रवासियों के लिए उठाई आवाज उत्तराखंड सरकार प्रवासियों को दी रोजगार
संवादाता दीपक सैलवान
देहरादून, आज 20 मई बुधवार राष्ट्रीयवादी युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ आहूजा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से पूरे देश में लोक डाउन है।जिसकी वजह से मजदूर और गरीब आदमी जहां है वहीं फसा हुआ था।लेकिन सरकार द्वारा अब लोक डाउन में ढील दी गई है,और प्रदेशो में फंसे हुए लोग अपने राज्य में वापस रहे हैं,प्रदेश अध्यक्ष सौरभ आहूजा ने उत्तराखंड सरकार से मांग करी है कि जो प्रवासी वापस आ रहे हैं।प्रत्येक प्रवासी की सम्पूर्ण जांच कराकर उनको आठ हजार रुपये मुहैया कराए,राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ आहूजा ने उत्तराखंड प्रदेश में दिन प्रीति बढ़ रहे कोरोना मामलों पर चिंता जताई और कहा कि सरकार सुनिश्चित करे कि वापस आ रहे प्रवासिओं की मुफ्त टेस्टिंग हो तथा सभी क्वारंटाइन सेंटरों में सोशल डिस्टन्सिंग व साफ़ सफाई की उचित व्यवस्था कराई जाये ताकि वापस आ रहे प्रवासियों के साथ साथ प्रदेश में रह रहा आम जनमानस भी खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। वापस आये कई प्रवासियों ने उनसे साझा किया क़ि कैसे उन्हें लॉकडाउन के कारण आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा।मकान मालिकों ने मई तक का पूरा किराया लिया,जबकि वह मार्च से शुरू तालाबंदी के बाद से घर पर ही बैठे हैं।उन्हें वेतन नहीं मिला और इस बात की निरंतर चिंता बनी रही कि वह कैसे खाएंगे या जीएंगे। अब उन्हें उत्तराखंड सरकार से यहां रोजगार के अवसर की उम्मीद है। क्योंकि कोई भी प्रवासी अब वापस नहीं जाना चाहते हैं।साथ ही उन्होंने ये भी उत्तराखंड सरकार से मांग की कि वापस आये बेरोजगार प्रवासियों को आठ हजार रुपये मुहैया कराये तथा रोजगार भी सुनिश्चित कराये, उन्होंने कहा की महामारी से पूर्व भी राज्य में आर्थिक हालात एवं रोज़गार सृजन को लेकर हालात चिंताजनक थे।सरकार ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार हेतु संवाद तो कर रही है,किंतु जमीनी स्तर पर राज्य के कई गाँव स्वास्थ,सड़क ,पानी एवं संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं।आने वाले मानसून के माह को लेकर भी सरकार को दुरुस्त क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री का संकलन हेतु समय रहते आवश्यक कदम उठाने चाहिए।राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस प्रवासियों के लिए जमीनी स्तर पर लगातार कार्यरत है।और हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जिससे वापस आ रहे प्रवासियों को मुसीबतों में सुधर लाया जा सके।