बाबा गुरबचन सिंह जी मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का आध्यात्मिक स्थल समालखा में शुभारंभ निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी की आशीर्वाद से हरियाणा के संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा मैदान में बाबा गुरवचन सिंह मेमोरियल 21 वें क्रिकेट टूर्नामेंट का आज शुभारंभ किया गया। इस क्रिकेट टूर्नामेंट का मुख्य विषय “स्थिर मन सहज जीवन” है। बताते चलें कि यह टूर्नामेंट 2 अप्रैल से 25 अप्रैल 2021 तक चलेगा। इस प्रतियोगिता में देश के अनेक राज्यों से जैसे- दिल्ली ,हरियाणा, पंजाब उत्तर प्रदेश राजस्थान कर्नाटक उत्तराखंड महाराष्ट्र गुजरात जम्मू कश्मीर मध्यप्रदेश इत्यादि से आए हुए युवाओं ने पंजीकरण कराया। जिनमें से 48 टीमें प्रतियोगिता के लिए चयनित हुई जिन का उत्साह देखते ही बनता है।
कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सरकार की गाइड लाइन के अनुसार इस प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों की कोविड आरटी पीसीआर जांच भी कराई गई है इसके अतिरिक्त कोविड-19 के संदर्भ में सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है।
इस क्रिकेट टूर्नामेंट का आरंभ बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा बाबा गुरबचन सिंह जी की स्मृति में किया गया था। क्योंकि बाबा गुरबचन सिंह जी ने युवाओं की ऊर्जा को नया आयाम देने के लिए उन्हें सदैव ही खेलों के लिए प्रेरित किया ताकि उनकी ऊर्जा को उपयुक्त दिशा देकर देश एवं
समाज का सुंदर निर्माण एवं समुचित विकास किया जा सके। समालखा में आयोजित इस क्रिकेट टूर्नामेंट के अवसर पर संत निरंकारी मंडल के पदाधिकारी व केंद्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी सम्मिलित हुए और संत निरंकारी मंडल के प्रधान गोविंद सिंह जी ने ध्वजारोहण कर क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ किया
तथा केंद्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन पूज्य सुखदेव सिंह जी द्वारा शांति के प्रतीक रूप में आकाश में गुब्बारे छोड़े गई। खेलों से हमें अनेक प्रकार की सीख मिलती है और खेल जीवन जीने की कला भी सिखाता है जिस प्रकार एक खिलाड़ी में सच्ची खेल भावना होती है और वह केवल खेल को ही महत्व देता है
और स्वयं से खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। उसके लिए हार जीत का कोई मूल्य नहीं होता वह विनम्रता से अपनी हार को भी स्वीकार कर लेता है ।जीतने वाले में भी किसी प्रकार का अहम भाव नहीं होता वही हारने वाले मैं किसी प्रकार की कोई द्वेष भावना नहीं होती यही एकजुटता का अद्भुत रूप प्रेम एवं मिल बर्तन की भावना मिशन अमित सिखाता है। साथ ही इन खेलों का उद्देश्य एकाग्रता और सामुदायिक सामंजस्य की भावना को बढ़ाना एवं शारीरिक व मानसिक रूप में युवाओं को स्वस्थ बनाता है ।जिससे कि सभी स्वस्थ रहें और सत्संग सेवा एवं सुमिरन में सजगता के साथ अपना और अधिक योगदान दे पाए यही मिशन का प्रयास भी है।
वर्तमान समय में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी समय-समय पर एक नई ऊर्जा के साथ विभिन्न खेलों का आयोजन करके युवाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
जिसमें निरंकारी यूथ सिंपोजियम (एनवाईएस) और निरंकारी सेवादल सिंपोजियम (एनएसएस) जैसे कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। निरंकारी प्रदर्शनी भी इस क्रिकेट टूर्नामेंट के एक महत्वपूर्ण अंग है जो बाबा गुरबचन सिंह जी के प्रेरणादायी जीवन एवं उनकी शिक्षाओं पर आधारित है। टूर्नामेंट में प्रतिभागियों एवं उनके सहयोगियों के लिए उचित प्रबंध व्यवस्था भी की गई है जिसमें डिस्पेंसरी, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा जलपान ,पियाऊ, सुरक्षा एवं पार्किंग आदि। इन खेलों का मुख्य उद्देश्य यही है की सभी पृष्ठभूमि और क्षमताओं से आए हुए हैं लोगों को एकजुट करके व्यवहारिक एवं सत्कार रूप में विश्व बंधुत्व के संदेश को संसार में स्थापित किया जा सके।