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भंडारागार निगम कार्मिकों के सातवें वेतनमान एवं पदोन्नति मामले को मोर्चा ने रखा मुख्यमंत्री के समक्ष आउट सोर्स के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों में सेवायोजन प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को भी रखा|

भंडारागार निगम कार्मिकों के सातवें वेतनमान एवं पदोन्नति मामले को मोर्चा ने रखा मुख्यमंत्री के समक्ष आउट सोर्स के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों में सेवायोजन प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को भी रखा।

देहरादून- जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य भंडारागार निगम के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ एवं पदोन्नति मामले को मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष रखा एवं इसके साथ-साथ आउट सोर्स के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों में सेवायोजन प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की भी मांग की, जिस पर मा. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए ।

नेगी ने कहा कि निगम प्रबंधन शासन की उदासीनता एवं धींगामस्ती के चलते आज तक कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया । प्रदेश में अधिकांशत: सभी विभागों के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिल चुका है, लेकिन इन कार्मिकों के मामले अब तक सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया था । भंडारागार निगम के लाभ की स्थिति में होने के बावजूद कार्मिकों के हक पर डाका डाला जा रहा है ।

इसके साथ-साथ निगम कार्मिकों की पदोन्नति का मामला भी वर्ष 2016 से लटका हुआ है| इसके साथ-साथ प्रदेश में आउट सोर्स के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों में सेवायोजन कार्यालय द्वारा प्रदत्त पंजीकरण प्रमाण पत्र की अनिवार्यता न होने के चलते प्रदेश के होनहार/ प्रतिभावान युवाओं को छलने का काम किया जा रहा है ।

आउट सोर्स एजेंसियां बाहरी प्रदेश के युवाओं से सांठगांठ कर उनको मनचाहा रोजगार मुहैया करा रही है, वही इसके विपरीत प्रदेश के होनहार एवं सिफारिश विहीन युवा दर-दर की ठोकरें खाने एवं पलायन को मजबूर हैं | प्रतिनिधिमंडल में- विजयराम शर्मा, ओ.पी. राणा एवं संजय गुप्ता मौजूद थे |

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