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विद्युत उपभोक्ताओं की जान निकाल कर ही दम लोगे क्या सरकार ! मोर्चा   

विद्युत उपभोक्ताओं की जान निकाल कर ही दम लोगे क्या सरकार ! मोर्चा                             दाम बढ़ाने के बजाए खामियां दूर क्यों नहीं करते। अपनी नाकामी का ठीकरा जनता पर क्यों फोड़ रहे ! डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम न होने के पीछे है बड़ा खेल ! अधिकांश क्षेत्रों में 25 से 40 फ़ीसदी है डिस्ट्रीब्यूशन लॉस । अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता की लड़ाई है इसका प्रमाण। विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार ने विद्युत दामों में फिर से वृद्धि कर जनता को लूटने का फरमान जारी कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार व अधिकारियों की मिलीभगत जनता का दम निकल कर ही दम लेगी। नेगी ने कहा कि सरकार/यूपीसीएल की लापरवाही/ निकम्मेपन/ नाफरमानी की वजह से प्रतिवर्ष विद्युत उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। आलम यह है कि यूपीसीएल पर राजभवन/ मुख्यमंत्री/ विद्युत नियामक आयोग एवं शासन के आदेशों कोई असर नहीं पड़ रहा है एवं विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है । नेगी ने कहा कि कुछ दिन पहले अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता की विद्युत चोरी मामले में हुई कागजी लड़ाई/ बहस इस बात की पुष्टि करती है कि विद्युत चोरी में बहुत बड़ा खेल अधिकारियों की मिलीभगत का है। नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो वर्ष 2020-21 में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 13.96 फ़ीसदी एवं ए टी एंड सी लॉस 15.25 फ़ीसदी रहा तथा इसी प्रकार क्रमश: वर्ष 2021-22 में 14.15 एवं 15.75 रहा तथा वर्ष 2022-23 में 14.41 एवं 15.49 रहा| इसके अलावा बाहर से लगभग1000 करोड रुपए से अधिक मूल्य की बिजली खरीदना एवं लगभग इतने ही मूल्य का लाइन लॉस उपभोक्ताओं पर कहर बनकर टूट रहा है| इसके साथ-साथ फिक्स्ड चार्जेस भी लोगों की जान पर बन आया है| अधिकांश क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 25 से 40 फ़ीसदी है, बावजूद इसके विभाग को कोई चिंता नहीं है । विद्युत मूल्य वृद्धि के मामले में मोर्चा सरकार को चैन से नहीं बैठने देगा । पत्रकार वार्ता में – विजयराम शर्मा व, अशोक चंडोक मौजूद थे ।

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