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व्यासी बांध परियोजना से पूर्ण प्रभावित जनजाति क्षेत्र लोहारी के ग्रामीणों को मवेशियों सहित धरना प्रदर्शन 36 वें दिन भी जारी

UK / विकासनगर
जिला संवाददाता इलम सिंह चौहान की रिपोर्ट

व्यासी बांध परियोजना से पूर्ण प्रभावित जनजाति क्षेत्र लोहारी के ग्रामीणों का मवेशियों सहित धरना प्रदर्शन 36 वें दिन भी जारी

व्यासी जल विद्युत परियोजना निर्माण के चलते परियोजना क्षेत्र जूडडो मे पूर्ण रूप से डूब क्षेत्र में आने वाला जनजाति क्षेत्र का लोहारी गांव पिछले 36 दिनों से राज्य सरकार की संवेदनहीनता और उपेक्षा का दंश झेल रहा है

बताते चलें कि व्यासी जल विद्युत परियोजना बनने से पहले सरकार द्वारा ग्रामीणों के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया गया था जिसमें जमीन के बदले जमीन देने की शर्त पर लोहारी क्षेत्र लोगों ने जमीनों के अधिग्रहण की स्वीकृति दी थी

इसी क्रम में पूर्व सरकार द्वारा 3 जनवरी 2017 को कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित कर लोहारी गांव के लोगों को विस्थापित करने के लिए विकासनगर के जीवनगढ़ अंबाडी स्थित रेशम फार्म की भूमि को चिन्हित किया गया था ग्रामीणों का आरोप है कि वर्तमान सरकार ने ग्रामीणों के पुनर्वास को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया ग्रामीणों ने अपने विस्थापन को लेकर के धरना प्रदर्शन कर काम रुकवा दिया

यह मामला वर्ष 2018 का है उस समय विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान के आश्वासन पर ग्रामीणों ने अपना धरना प्रदर्शन स्थगित किया काम सुचारू रूप से चलने लगा आज जब व्यासी जल विद्युत परियोजना 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है आज तक ना तो राज्य सरकार और ना ही क्षेत्र के विधायक द्वारा ग्रामीणों की मांगों पर ध्यान दिया गया मजबूर होकर ग्रामीणों ने अपने अधिकारों के लिए अपने विस्थापन के लिए पिछले 36 दिनों से अपने परिवारों महिला,

पुरुष छोटे बच्चों सहित बांध की नींव मे बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीणों ने बताया 10 जुलाई को ग्रामीण अपनी समस्या को रखने अपने क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान के पास विकासनगर आए जहां पर विधायक से ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक हुई एक प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीणों की बात सरकार के समक्ष रखने के बजाय उल्टा ग्रामीणों पर बिफर पड़े ग्रामीणों ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा की 3 जनवरी 2017 के कैबिनेट प्रस्ताव के अनुसार

रेशम विभाग जीवनगढ़ की भूमि का शासनादेश जारी करने की लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं और अब तो ग्रामीण कितने मजबूर हो गए हैं कि घरों में ताला डालकर अपने मवेशियों सहित धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीणों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए

अपना आक्रोश व्यक्त किया और कहा जब तक उनका पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। यहां पर सबसे बड़ा प्रश्न की आखिर कब तक सरकार का रवैया जनजाति क्षेत्र के गांव लोहारी के प्रति असंवेदनशील बना रहेगा।

कब तक ग्रामीणों को विकास बनाम विस्थापन का दंश झेलने पर विवश होना पड़ेगा यह आने वाला समय ही तय करेगा।

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