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14 फरवरी 2023 को दिल्ली के मुख्यालय से उत्तराखंड के संगठन को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद डॉ0 संदीप पाठक ने कार्यकर्ताओं को किया सम्बोधित।

14 फरवरी 2023 को दिल्ली के मुख्यालय से उत्तराखंड के संगठन को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद डॉ0 संदीप पाठक ने कार्यकर्ताओं को किया सम्बोधित।
‘आप’ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने उत्तराखंड में संगठन को मजबूत बनाने के तहत मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में अहम बैठक बुलाई।

संगठन को कैसे मजबूत बनाना है और जमीनी स्तर पर कैसे काम करना है, ऐसी तमाम योजनाओं और रणनीतियों पर चर्चा की गई। साथ ही संगठन के एक-एक साथी के साथ उनके द्वारा दिए गए सुझवों पर चर्चा की गई। इस बैठक में पार्टी के कई नेता, महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके पदाधिकारी और वॉलंटियर्स मौजूद रहे।

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि इस बैठक का मुख्य लक्ष्य संगठन के सभी लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बात करना था। उनसे मिले सुझावों की मदद से ना सिर्फ एक मजबूत सगंठन तैयार होगा बल्कि जमीनी स्तर पर प्रदेश की समस्याओं और जरूरतों को समझने में भी मदद मिलेगी।
आप’ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने प्रदेश के सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड चुनाव हो चुका है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम वहां उम्मीद खो चुके हैं। उत्तराखंड में एक बड़े बदलाव की जरूरत है, जो केवल एक मजबूत संगठन की मदद से ही संभव हो सकता है। अगले चुनाव में अभी लंबा समय है और हमें इस समय का सदुपयोग करना है, अपने संगठन को और मजबूत बनाना है।उन्होंने कहा कि आप लोगों का अपना एक बड़ा अनुभव रहा है। आप लोगों ने जमीनी स्तर पर काम किया है और जनता को समझते हैं। उत्तराखंड की जनता को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो उनकी जरूरतों को समझे और जो प्रदेश के हित में काम करे। आम आदमी पार्टी हमेशा से जनता के हित में काम करने में विश्वास रखती है। दिल्ली के बाद पंजाब में भी जनता के हित में काम जारी है। यह काम देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है इसलिए हर प्रदेश में संगठन को मजबूत करना जरूरी है।
इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए हमारे बहुत सारे साथी उत्तराखंड से सफर करके दिल्ली आए,यह बेहद सराहनीय है। उन्होंने एक-एक करके सभी साथियों से सुझाव मांगे। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए, आगे की रणनीति पर चर्चा की। इन सुझावों की मदद से ना सिर्फ एक मजबूत सगंठन तैयार होगा बल्कि जमीनी स्तर पर उत्तराखंड की समस्याओं और जरूरतों को समझने का भी मौका मिलेगा।

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