उद्यान घोटाले में न्याय विभाग की मनाही के बावजूद एसएलपी दायर किये जाने मामले में मंत्री जोशी हों बर्खास्त -मोर्चा उद्यान घोटाले में किन भ्रष्टाचारियों को बचाना चाहते थे मंत्री ! सीबीआई जांच से क्यों डर रहे मंत्री! किसानों को न्याय दिलाने के बजाय भ्रष्टाचारियों की कर रहे थे पैरवी! विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा
अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि गत वर्ष उद्यान विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में
भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी का मा. उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मा.सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करवाना बहुत बड़ी सांठ-गांठ की तरफ इशारा करता है ।
नेगी ने कहा कि मा. उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 11/10/23 को उक्त घोटाले की सीबीआई जांच के निर्देश देने से विभागीय मंत्री की नींद उड़ गई तथा उन्होंने अपने करीबी निदेशक डॉ. बवेजा एवं अन्य भ्रष्टाचारियों को बचाने के मा. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल किए जाने का मन बनाया तथा इसी क्रम में
पत्रावली न्याय विभाग को अपना मत देने हेतु अग्रसरित की, जिस पर न्याय विभाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि” मा. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किए जाने का कोई ठोस आधार नहीं है और सरकार अपने जोखिम पर एसएलपी दाखिल कर सकती है” बावजूद इसके एसएलपी दायर की गई। इस खेल में उद्यानिकी से जुड़े किसानों को बड़ी मात्रा में छलने का काम किया गया। नेगी ने कहा कि जब मा. उच्च न्यायालय ने सरकार की जांच एजेंसी (एसआईटी) जांच के बजाय सीबीआई जांच के आदेश दिए तो सीबीआई जांच को क्यों रोकना चाहते थे मंत्री ! नेगी ने कहा कि यह पहला मामला है जब मंत्री ने सरकार को गुमराह कर भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए मा. उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दाखिल करवाई, जबकि हमेशा सरकार भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने को मा. न्यायालय की शरण लिया करती थी l नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि क्या उद्यान मंत्री और उनकी टीम विदेशी सैर सपाटा करने भ्रष्टाचार में पीएचडी करने को गई थी! सवाल यह है कि मंत्री ने सरकार को आत्मघात करने जैसा कदम उठाने को क्यों मजबूर किया ! इस भ्रष्टाचार में मंत्री गणेश जोशी की मिली भगत स्पष्ट दिख रही है, जिसके आधार पर इनको बर्खास्त किया जाना चाहिए । पत्रकार वार्ता में – मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, हाजी असद, डॉ. अविनाश बर्मन व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे।